Rajasthan: रणथंभौर से निकला टाइगर छह माह बाद रामगढ़ अभयारण्य में पहुंचा

छह माह पहले रणथंभौर सेंचूरी से निकला टाइगर टी-115 रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य में पहुंच गया ।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 11:04 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 11:04 AM (IST)
Rajasthan: रणथंभौर से निकला टाइगर छह माह बाद रामगढ़ अभयारण्य में पहुंचा
Rajasthan: रणथंभौर से निकला टाइगर छह माह बाद रामगढ़ अभयारण्य में पहुंचा

जयपुर, जागरण संवाददाता। करीब छह माह पहले रणथंभौर सेंचूरी से निकला टाइगर टी-115 रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य में पहुंच गया । रणंभौर और रामगढ़ विषधारी अभायरण्य के जंगल आपस में जुड़े हुए होने से टाइगर टी-115 विचरण करता हुआ वहां पहुंच गया । करीब 6 माह से वन विभाग के अधिकारी इस टाइगर को तलाशने में जुटे थे, लेकिन दो दिन पहले इसके रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में मिलने से उन्होंने राहत की सांस ली ।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कुछ दिनों से एक टाइगर के रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में विचरण करने की बात सामने आई तो उसकी पहचान के लिए 11 कैमरे लगाए गए थे । दो दिन पहले इसकी फोटो कैमरे में कैद हो गई । वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी पहचान टी-115 के रूप में की ।

अधिकारियों के अनुसार रणथंभौर सेंचूरी से बाहर निकला टी-115 पिछले छह माह से लाखेरी के आसपास के जंगल में अपनी टेरेटरी बनाकर घूम रहा था। आरटीआर की टीम व इंद्रगढ़ रेंज की टीम इसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रही थी। वहां भी इसके लिए फोटो ट्रैप कैमरे लगाए गए थे। यहां मेज नदी के आसपास ही लोकेशन मिलती रही। कई बार इसका मूवमेंट आगे की ओर भी मिला, लेकिन फिर वापस वह अपनी पुरानी जगह पर ही आ गया।

उधर टाइगर टी-110 का भी लंबे समय से इसी अभयारण्य में ही मूवमेंट बना हुआ है। सखावदा के आसपास के जंगल में इसकी लोकेशन मिलती रही है। जिला वन अधिकारी बीजू जॉय ने टाइगर-115 की पहचान होने के बाद वनकर्मियों को ट्रैकिंग व मॉनिटरिंग के लिए आवश्यक निर्देश दिए। हालांकि टाइगर के यहां आने के बाद से उसका ताजा मूवमेंट जानने के लिए वनकर्मी ट्रैकिंग कर रहे हैं। 

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