मनी एक्सचेंज व्यापारी मनीष मूलचंदानी हत्याकांड का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार Ajmer News

Manish Mulchandani Murder Case. मनी एक्सचेंज व्यापारी मनीष मूलचंदानी हत्याकांड में पुलिस ने तीन को गिरफ्तार किया है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 16 Jul 2019 05:50 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jul 2019 05:50 PM (IST)
मनी एक्सचेंज व्यापारी मनीष मूलचंदानी हत्याकांड का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार Ajmer News
मनी एक्सचेंज व्यापारी मनीष मूलचंदानी हत्याकांड का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार Ajmer News

अजमेर, जेएनएन। कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र स्थित आगरा गेट इलाके में गत 21 फरवरी को सरेआम फायर कर मनी एक्सचेंज कारोबारी मनीष मूलचंदानी की हत्या व लूट के मामले में अजमेर पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने इस मामले में तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से एक देशी कट्टा भी बरामद किया है।

जिला पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने बताया कि जिला विशेष टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर एक संदिग्ध मईनुददीन उर्फ मैनू पुत्र हबीब खां बोराज निवासी थाना जोबनेर जिला जयपुर को डिटेन कर पूछताछ की गई। इस दौरान पूछताछ में उक्त प्रकरण की घटना में लूटी गई राशि लेना तथा प्रकरण में वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों के बारे में बताया। जिसकी सूचना पर आरोपित सीताराम पुत्र पांचूराम जाट पुत्र निवासी बोबास थाना जोबनेर, जिला जयपुर ग्रामीण व अर्जुन सिंह उर्फ अज्जू पुत्र किशोर सिंह निवासी डांसरोली थाना दाता रामगढ़ जिला सीकर को दस्तयाब कर मय हथियार समेत गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है।

पूछताछ में बताया कि वारदात का मुख्य आरोपित जितेन्द्र सिंह उर्फ जीतू बन्ना पुत्र दरबार सिंह, रणजीत सिंह उर्फ रणसा पुत्र किशन सिंह शेखावत निवासी कंवरासा थाना जोबनेर जिला जयपुर ग्रामीण व शंकर बलाई निवासी सीतारामपुरा जयपुर ग्रामीण के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया है। आरोपित अर्जुन सिंह उर्फ अज्जू से घटना के समय स्वयं के साथ रखा गया एक देशी कटटा भी गिरफ्तारी के साथ बरामद किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपित जितेन्द्र सिंह उर्फ जीतू बन्ना, रणजीत सिंह उर्फ रणसा व शंकर बलाई की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।

तरीका ए वारदात

पुलिस पूछताछ में आरोपितों बताया कि घटना से एक दिन पूर्व जोधपुर से लौटते समय अजमेर होकर घटनास्थल की रेकी व 20 फरवरी 2019 को ही घटना को अंजाम देना चाहा, लेेकिन दुकान पर भीड़ होने के कारण घटना को अंजाम नहीं दे सके और अपने निवास पर चले गए। 21 फरवरी को दो वाहनों से रवाना होकर अजमेर पहुंचे, जहां से रूमाल लेकर अपने चेहरों पर बांधा व एक बैग खरीदा व घटनास्थल पर पहुंच कर डकैती की वारदात को अंजाम दिया। वारदात के दौरान रणजीत उर्फ रणसा द्वारा मृतक मनीश मूलचन्दानी पर गाड़ी में बैठते समय गेट पकड़ लिए जाने पर फायरिंग कर दी, जिसके कारण मनीष मूलचन्दानी की मृत्यु हो गई।

देर रात सभी मोईनुददीन उर्फ मैनू के शराब के ठेके पर पहुंचे तथा रात को वहीं पर रूके व लूटी गई राशि को आपस में बांट लिया, जिसमें से एक हिस्सा षड्यंत्र में शामिल मोईनुददीन उर्फ मैनू को भी दिया व अलग-अलग स्थानों पर चले गए। उक्त घटना में एक मोईनुदीन उर्फ मैनू पुत्र हबीब खां (28) निवासी बोराज पुलिस थाना जोबनेर जिला जयपुर, दूसरा सीताराम पुत्र पांचुराम (22), निवासी बोबास, थाना जोबनेर जिला जयपुर ग्रामीण, तीसरा अजु पुत्र किशोर सिंह (20), निवासी डांसरोली, थाना दाता रामगढ़, जिला सीकर ने मिलकर अंजाम दिया है, जिन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है।

अपराधिक पृष्ठभूमि

अनुसंधान में आरोपीगणों से पूछताछ से सामने आया कि जितेन्द्र सिंह उर्फ जीतू बना गैंग का मुख्य सरगना है, जो विभिन्न राज्यों में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है जिसमें देश की राजधानी दिल्ली में बहुचर्चित द्वाराका क्षेत्र में आम सड़क पर गैंगवार खुली फायरिंग की गयी व इंदोर, मध्य प्रदेश में संदीप अग्रवाल का बहुचर्चित मर्डर, श्री डूंगरगढ़ में एटीएम लूट की वारदात के अलावा इस गैंग द्वारा डबलाना जिला बूंदी में ट्रेक्टर लूट की वारदात, एटीएम लूट, हवाला कारोबारियों को लूटने की वारदातों मेें शामिल होना बताया ।

यह थे टीम में शामिल

अनुंसधान के लिए पुलिस अधीक्षक अजमेर कुवंर राष्ट्रदीप के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह व पुलिस उप अधीक्षक वृत उतर डाॅ प्रियंका के नेतृत्व मे थानाधिकारी छोटीलाल पुलिस निरीक्षक मय हैड कानि 1471 प्रभात कुमार, हैड कानि 1942 विश्राम पुलिस थाना कोतवाली व जिला स्पेशल टीम अजमेर, हैड कानि 231 जगमाल दाहिमा, हैड कानि 925 मनोहर सिंह, कानि 2531 देवेन्द्र सिंह, कानि 450 जोगेन्द्र सिंह, कानि 2170 हिम्मत तोशिक की एक टीम गठित की गई।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सिंधी समाज और व्यापारी वर्ग के लोगों ने मौन जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया था। इस मौके पर जिला कलेक्टर और एसपी ने आश्वासन दिया था कि मामले में सात दिन के भीतर संतोषजनक नतीजे सामने आएंगे,

पुलिस की इनवेस्टीगेशन पर उठे थे ‘सवाल’

कारोबारी मनीष मूलचंदानी की सरेआम हुई हत्या के मामले में पुलिस तफ्तीश पर बड़े सवाल उठे थे। ओर पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग गया था क्योंकि घटना के दौरान चश्मदीद, सीसी टीवी कैमरों की फुटेज और अन्य साक्ष्य पुलिस को मिले थे, इसके बावजूद अपराधियों की पहचान तक नहीं हो पाई थी। शहर के व्यस्तम इलाके में दिनदहाड़े वारदात कर कार में जयपुर रोड की तरफ भागे अपराधियों के बारे में पुलिस को पुख्ता क्लू नहीं मिलना, पुलिस के कमजोर मुखबिर तंत्र को उजागर कर रहा था। अब पुलिस की इस कामयाबी ने उनकी सभी कमजोरियों पर पर्दा डाल दिया है।  

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