Farmer: कड़कनाथ मुर्गा बदलेगा बारां के किसानों की जिंदगी, जानें-खासियत

Kadaknath cuck. बारां जिले के किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब उन्हें परंपरागत खेती के साथ-साथ पशुपालन के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 06 Aug 2019 01:04 PM (IST) Updated:Tue, 06 Aug 2019 01:04 PM (IST)
Farmer: कड़कनाथ मुर्गा बदलेगा बारां के किसानों की जिंदगी, जानें-खासियत
Farmer: कड़कनाथ मुर्गा बदलेगा बारां के किसानों की जिंदगी, जानें-खासियत

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में सहरिया बहुल बारां जिले के किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब उन्हें परंपरागत खेती के साथ-साथ पशुपालन के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से बारां जिले के किसानों को अब महंगे दामों में बिकने वाले कड़कनाथ नस्ल के मुर्गी पालन से जोड़ा जा रहा है। संपूर्ण राजस्थान में लागू होने वाले इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत बारां जिले से की जा रही है। कड़कनाथ नस्ल का मांस और अंडा काफी महंगा बिकता है।

आत्मा प्रोजेक्ट में किया शामिल

बारां जिले से सटे मध्य प्रदेश के झाबुआ क्षेत्र में कड़कनाथ चिकन की सबसे बेहतरीन ब्रीड काफी पाई जाती है। कड़कनाथ झाबुआ क्षेत्र की पहचान है। इसके मांस और अंडे की बाजार में काफी मांग होने के चलते इसके अच्छे दाम मिलते हैं। इसी का लाभ दिलाने के लिए जिला कलक्टर इन्द्र सिंह राव की पहल पर बारां जिले में कड़कनाथ मुर्गे के व्यवसाय को लेकर किसानों व पशुपालकों को प्रेरित किया जा रहा है। जिला कलक्टर के प्रयासों से इस मुर्गे के पालन को आत्मा प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है, जिससे किसानों की इस व्यवसाय से जुड़ी सभी जरूरतें आसानी से पूरी की जा सके।

आत्मा प्रोजेक्ट (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी ) से जोड़ने के बाद पशुपालन विभाग के विशेषज्ञों और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अब इस व्यवसाय से जुड़ने की चाह रखने वाले वाले किसानों को मुर्गीपालन के लिए प्रशिक्षित कर रहे है। बारां जिले के अंता कृषि विज्ञान केंद्र में चल रहे प्रशिक्षण में 300 करीब कृषक और पशुपालकों को कड़कनाथ के व्यवसाय के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। अब इन सभी प्रशिक्षणार्थियों को मध्य प्रदेश के झाबुआ में पोल्ट्री फर्मों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। कड़कनाथ मुर्गियों द्वारा दिए गए अंडो के दाम बाजार से 50 से 80 रुपये प्रति किलो तक है।

इसलिए खास है कड़कनाथ

- कड़कनाथ मुर्गे की नस्ल भारत के मध्य प्रदेश राज्य के झाबुआ जिले में पाई जाती है।

- इस नस्ल का मुर्गी वंश पूर्ण रूप से काला होता है। इनका मांस और खून भी काला होता है।

- इनके अंडों का बाहरी रंग भूरा होता है। इनके अंडों का रंग काला होना केवल एक भ्रांति है।

- इस प्रजाति में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। इनकी अन्य मुर्गों के मुकाबले मृत्यु दर काफी कम है।

- अन्य चिकन प्रजाति के मुकाबले इसके मांस और अंडे में पोषण तत्व कहीं अधिक पाए जाते हैं।

- इस प्रजाति में केलोस्ट्रोल की मात्रा बेहद कम होती होती है।

- इसके चलते कड़कनाथ की बाजार में काफी मांग है। 

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