Coronavirus: कोरोना संक्रमण के बीच गहलोत सरकार ने जारी किया महामारी अध्यादेश, 2 साल सजा, 10 हजार जुर्माना

Coronavirus कोरोना संक्रमण के बीच गहलोत सरकार ने जारी किया महामारी अध्यादेश 2 साल सजा 10 हजार जुर्माना

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sun, 03 May 2020 08:17 AM (IST) Updated:Sun, 03 May 2020 08:17 AM (IST)
Coronavirus: कोरोना संक्रमण के बीच गहलोत सरकार ने जारी किया महामारी अध्यादेश, 2 साल सजा, 10 हजार जुर्माना
Coronavirus: कोरोना संक्रमण के बीच गहलोत सरकार ने जारी किया महामारी अध्यादेश, 2 साल सजा, 10 हजार जुर्माना

जयपुर, जागरण संवाददाता। फैलते कोरोना संक्रमण के बीच राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में महामारी अध्यादेश लागू किया है। अध्यादेश में महामारी के दौरान सरकार द्वारा तय नियमों एवं गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर 2 साल की सजा या 10 हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों एक साथ किए जाने का प्रावधान है।

इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की अवेहलना करने वालों पर 100 रुपये, मास्क नहीं पहनने पर 200 रुपये, बिना मास्क सामान बेचने पर 500 रुपये सार्वजनिक स्थान पर मघपान करने पर 500 रुपये, गुटखा थूंकने पर 200 रुपये बिना अनुमति शादी करने पर 5 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। पिछले डेढ़ माह से जारी कोराना संक्रमण के बीच गहलोत सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है। विधानसभा के आगामी सत्र में इसे विधेयक के रूप में पारित कराया जाएगा।

प्रदेश में पूर्व में राजस्थान संक्रामक रोग अधिनियम-1957 लागू था। यह कानून काफी पुराना होने के कारण समय के साथ कई खामी भी सामने आ रही थी। कोरोना संक्रमण का दौर शुरू होते ही इस कानून को लेकर सरकार ने मंथन शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह एवं विधि विभाग के अधिकारियों ने अध्यादेश लाने की तैयारी शुरू की थी। अध्यादेश को शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपनी प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए मंजूरी दे दी।

नए अध्यादेश के तहत किसी भी व्यक्ति, समुह अथवा संस्था के खिलाफ केस दर्ज कर कंपाउंड करने की शक्ति राज्य सरकार को मिली है। जिला कलेक्टरों की शक्तियों का दायर भी बढ़ाया गया है। महामारी के दौरान जिलों में कलेक्टर द्वार तय की गई गाइडलाइन की पालना करना आवश्यक किया गया है। इसका उल्लघंन करने पर जिला कलेक्टर एवं पुलिस आयुक्त के निर्देश पर मामले दर्ज होंगे। महामारी के समय सार्वजनिक कार्यक्रम करने, थूंकने, जानबूझकर महामारी को फैलाने में सहयोग करने, चिकित्सकों एवं पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रव्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।

उल्लेखनीय है कि 1957के राजस्थान संक्रमण रोग अधिनियम में 6 माह की सजा और 10 हजार रुपये के जुर्माने का तो प्रावधान था,लेकिन अन्य कई ऐसे बिन्दु शामिल नहीं थे जो वर्तमान परिपेक्ष्य में आवश्यक थे । इन्हे अब नये अधिनियम में शामिल किया गया है। इस अध्यादेश में अब अधिकारियों को कानूनी कार्रवाई का अधिकार मिला है।

गहलोत बोले,रेड जोन को ग्रीन जोन में बदलने के लिए धैय आवश्यक

लॉकडाउन-3 को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन जारी होने के बाद राजस्थान सरकार ने भी अपना रोडमैप तैयार कर लिया गया है। इसमें केंद्र सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइन के अलावा कुछ अन्य बिन्दू जोड़े गए हैं। राज्य सरकार की गाइडलाइन संभवत:रविवार को जारी होगी ।

उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि जोन के अनुसार लॉकडाउन बढ़ाया गया है, मैं राजस्थान में सभी रेड जोन को ग्रीन जोन में बदलने में जनता का सहयोग चाहता हूँ। लोग धैर्यपूर्वक नियमों का पालन करते रहे हैं। हमें विस्तारित लॉकडाउन के दौरान दिशा-निर्देशों का पालन करना जारी रखना है।

सभी क्षेत्रों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। हमें कोरोना को हराने के लिए सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है। ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर रहना। हमेशा बाहर जाने और किसी भी तरह की भीड़ से बचना चाहिए। बाहर जाते हुए मास्क जरूर पहने।

राज्य सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। जरुरत के सामान की दुकानें खुली रहेंगी। लोग कहीं भी भूखे न रहे, सभी को भोजन मिले, राशन और आर्थिक गतिविधियां भी शुरू हों। 

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