Citizenship Amendment Act: सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी राजस्थान सरकार

Citizenship Amendment Act. कांग्रेस सरकार विधानसभा में सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है। वहीं भाजपा भी सीएए पर अपनी रणनीति पर काम कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 20 Jan 2020 02:17 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jan 2020 03:12 PM (IST)
Citizenship Amendment Act: सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी राजस्थान सरकार
Citizenship Amendment Act: सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी राजस्थान सरकार

जयपुर, आइएएनएस। Citizenship Amendment Act. सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार और विपक्षी भाजपा 24 जनवरी से शुरू हो रहे राजस्थान विधानसभा के आगामी बजट सत्र के लिए रणनीति बनाने में व्यस्त है। इस बार सीएए सदन में चर्चा का केंद्र बिंदु होगा। कांग्रेस सरकार विधानसभा में सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है। वहीं, भाजपा भी सीएए पर अपनी रणनीति पर काम कर रही है। सदन में वह सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करेगी। 

राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री शांति धारीवाल के अनुसार, सत्र शुक्रवार से शुरू होगा। हम इस सत्र के दौरान सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने पर भी विचार कर रहे हैं।

वहीं सतीश पूनिया ने बताया सीएए पर अशोक गहलोत जनता को गुमराह कर रहे हैं। उनके मुताबिक, गहलोत सीएए पर शांति मार्च भी निकाल चुके हैं।

राहुल गांधी 28 जनवरी को जयपुर में 

एएनआइ के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी 28 जनवरी को जयपुर में छात्रों, युवाओं और किसानों के साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम, बेरोजगारी और देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति पर एक बैठक करेंगे।

गौरतलब है कि भाजपा शासित राज्यों के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने की तैयारी में है। 10 जनवरी को सीएए की अधिसूचना जारी करने के बाद सरकार अब इसे लागू किए जाने के नियम-कायदों को अंतिम रूप देने में जुटी है। असम के लिए नियम-कायदे बाकी देश से अलग हो सकते हैं। माना जा रहा है कि इन नियम-कायदों को फरवरी के पहले हफ्ते में अधिसूचित किया सकता है।

गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, असम सरकार की ओर से सीएए के लिए विशेष नियम-कायदे बनाने का सुझाव आया है। इसमें इसे तीन महीने की अवधि में पूरा करना और असम में चले एनआरसी से जोड़ना शामिल है। पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले असम के एक वरिष्ठ मंत्री के अनुसार पिछले दिनों असम में एनआरसी की प्रक्रिया चली है। इसलिए ऐसा नहीं हो सकता है कि 2014 के पहले राज्य में बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने इसके लिए आवेदन नहीं किया हो। 

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