Rajasthan: राजस्थान सरकार लाएगी नवजात सुरक्षा योजना

Rajasthan Government. यूनिसेफ के प्रतिनिधि ल्यूई डी ओक्वीने ने बताया कि अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 10 Feb 2020 01:50 PM (IST) Updated:Mon, 10 Feb 2020 01:50 PM (IST)
Rajasthan: राजस्थान सरकार लाएगी नवजात सुरक्षा योजना
Rajasthan: राजस्थान सरकार लाएगी नवजात सुरक्षा योजना

जयपुर, जेएनएन। Rajasthan Government. राजस्थान के कोटा में सौ नवजात बच्चों की मौत के मामले में किरकिरी करवा चुकी प्रदेश सरकार अब नवजात सुरक्षा योजना लाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत प्रदेश में कम वजनी, कुपोषित और समय से पहले जन्मे नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल का काम किया जाएगा। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने रविवार को जयपुर के एमएमएस मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित कंगारू मदर केयर कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नवजात सुरक्षा योजना लाने की बात कही।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी नवजात की मौत न हो इसके लिए जल्दी ही प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके लिए 77 मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए जा चुके हैं, जो कि जिला और ब्लॉक स्तर पर जाकर आमजन को 'कंगारू मदर केयर' (केएमसी) के बारे में जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में तैनात किए जाने वाले स्वास्थ्य मित्रों को भी केएमसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर में और कमी आ सके। शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। पहले जहां यह 41 प्रतिशत था, वहीं अब 35 प्रतिशत रह गया है। आने वाले समय में इसे और भी कम किया जाएगा।

इससे पहले एमएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने कंगारू मदर केयर केयर के बारे में बताते हुए कहा कि मां की गोद प्राकृतिक इन्क्यूबेटर है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के अनुसार कंगारू मदर केयर के जरिए ही बच्चे का संपूर्ण विकास होता है। यूनिसेफ के प्रतिनिधि ल्यूई डी ओक्वीने ने बताया कि अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। यूनिसेफ राज्य सरकार के साथ मिलकर केएमसी पद्धति पर काम करेगी और नवजातों की देखभाल में अहम भूमिका निभाएगी। कंगारू मदर केयर संस्थान की संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. शशि वाणी ने बताया कि संस्थान देशभर में ऐसी कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों और डॉक्टर्स में केएमसी के प्रति जागरूकता ला रही है। गौरतलब है कि दिसंबर में राजस्थान के कोटा में 100 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था। इनमें से ज्यादातर बच्चे कम वजन वाले थे। हालांकि अस्पताल में चिकित्सा उपकरणों की कमी और उनके खराब होने की बात भी सामने आई थी।

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