Lockdown: सीएम गहलोत ने अमित शाह से बात कर प्रवासी राजस्थानियों को घर पहुंचाने में मदद मांगी

Lockdown राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि अमित शाह ने उन्हें अधिकारियों से बात कर मंगलवार को इस बारे में बताने के लिए कहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 20 Apr 2020 07:36 PM (IST) Updated:Mon, 20 Apr 2020 07:36 PM (IST)
Lockdown: सीएम गहलोत ने अमित शाह से बात कर प्रवासी राजस्थानियों को घर पहुंचाने में मदद मांगी
Lockdown: सीएम गहलोत ने अमित शाह से बात कर प्रवासी राजस्थानियों को घर पहुंचाने में मदद मांगी

जागरण संवाददाता, जयपुर। Lockdown: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात कर प्रवासी राजस्थानियों को सकुशल प्रदेश में पहुंचाने एवं यहां रह रहे अन्य राज्यों के लोगों को उनके गृह राज्य में पहुंचाने को लेकर अनुमति देने का आग्रह किया है। गहलोत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी सोमवार को टेलीफोन पर बात कर कोटा में रह रहे वहां के कोचिंग स्टूडेंट्स को बुलाने का आग्रह किया है।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात कर कोटा में रह रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को वापस बुलाने का आग्रह किया। दोनों मुख्यमंत्रियों अपने-अपने राज्यों के स्टूडेंट्स को बुलाने की हामी भरी है। स्टूडेंट्स को लेने के लिए आसाम के अधिकारियों की टीम कोटा पहुचंने वाली है। ममता बनर्जी भी स्टूडेंट्स को बुलाने पर विचार कर रही है। गुजरात सरकार भी अपने यहां के स्टूडेंट्स को बुलाने को तैयार हो गई है। गहलोत ने कहा कि कोटा में कोचिंग कर रहे राजस्थान के विभिन्न जिलों के चार हजार स्टूडेंट्स को उनके घर पहुंचाया जा रहा है। अन्य राज्य सरकारों को भी इस काम में आगे आना चाहिए। गहलोत सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया से बात कर रहे थे।

गहलोत ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड के स्टूडेंट्स को वहां की सरकार ने कोटा से उनके घर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि कोचिंग स्टूडेंट्स को उनके घर पहुंचाना इसलिए जरूरी है, क्योंकि उनकी उम्र 16 से 22 साल तक है। कोरोना महामारी में कहीं वे विचलित नहीं हो जाए, मानसिक रूप से परेशान नहीं हो, इस कारण इन्हें अपने माता-पिता के पास पहुंचाने के लिए प्रयास करने जरूरी है। गहलोत ने कहा कि सरकार विधायक कोष को लेकर मंथन कर रही है, लेकिन विधायक कोष को खत्म नहीं किया जाएगा। यह विचार किया जा रहा है कि विधायक कोष की रकम दो साल तक कोरोना से होने वाले नुकसान के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर होनी चाहिए ।

प्रवासी राजस्थानी यहां आना चाहते हैँ

गहलोत ने कहा कि सोमवार सुबह टेलीफोन पर बात हुई तो मैने उन्हें बताया कि राजस्थान की स्थिति अलग है। प्रदेश को अलग ढंग से देखना चाहिए। विभिन्न राज्यों में राजस्थान के लोग व्यापार व मजदूरी के लिए रहते हैं। कई लोग तो 50 या इससे अधिक सालों से रह रहे हैं। वे सुख-दुख में यहां आते रहते हैं। अब कोरोना को देखते हुए वे दुखी हैं हम चाहते हैं कि वे अपने घर आएं। इसी तरह राजस्थान में विभिन्न राज्यों के मजदूर रह रहे हैँ, उन्हें भी उनके गृह राज्य में जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। यहां रह रहे मजदूर और प्रवासी राजस्थान दोनों ही वर्तमान हालात में मानसिक वेदना में रह रहे हैं। अगर लॉकडाउन खोल भी दिया जाएगा तो मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने तक वे सही ढंग से काम नहीं कर सकेंगे, इसलिए सबको एक बार अपने-अपने घर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

गहलोत ने बताया कि अमित शाह ने उन्हें अधिकारियों से बात कर मंगलवार को इस बारे में बताने के लिए कहा है। केंद्र सरकार यदि अनुमति देगी तो प्रवासी राजस्थानी यहां आएंगे, इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है । हम यह रणनीति बना रहे हैं कि प्रवासी राजस्थानी यहां आए तो उनके टेस्ट कैसे होंगे, उन्हें घर तक कैसे पहुंचाया जाएगा, खाने और पीने का प्रबंध कैसे किया जाएगा।

एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को तीन माह तक फीस नहीं लेने के लिए कहा गया है। फीस नहीं मिलने पर ये स्कूल किसी बच्चे को निकाल नहीं सकेंगे। तीन माह बाद सरकार देखेगी कि क्या निर्णय लिया जाए। उन्होंने बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग को कहा गया है कि लॉकडाउन खत्म होते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाए, फिर भर सरकारी भर्तियों में थोड़ी बहुत देर हो सकती है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास गेंहू के भंडार भरे हुए हैं, यह गेहूं राज्यों को देना चाहिए, जिससे जरूरतमंदों को मिल सके। गहलोत ने एक बार फिर कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों को राहत पैकेज देना चाहिए। कोरोना के कारण देश और राज्य दोनों की अर्थव्यवस्था पर असर होगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को चार हजार सैंपल दिल्ली प्राइवेट लैब में टेस्ट के लिए भेजे गए थे, उनकी रिपोर्ट आ गई है 69 ही पॉजिटिव आए हैं।

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