Rajasthan : भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आई, कांग्रेस में एकजुटता का दिखावा

-भाजपा की सभाओं में वसुंधरा राजे नहीं पहुंची होर्डिंग्स में फोटो तक नहीं लगाई। फिलहाल अभी तक यह साफ नहीं हो सका कि वे खुद ही नहीं गई या उन्हे बुलाया ही नहीं गया । कांग्रेस में गहलोत और पायलट दिखाने के लिए एक मंच पर आए।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 30 Mar 2021 07:38 PM (IST) Updated:Tue, 30 Mar 2021 07:38 PM (IST)
Rajasthan : भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आई, कांग्रेस में एकजुटता का दिखावा
भाजपा नेताओं ने अपराधों व भ्रष्टाचार को लेकर गहलोत सरकार पर आरोप लगाए।

 जागरण संवाददाता, जयपुर : राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों पर 17 अप्रैल को होने वाले उप चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों ने मंगलवार को नामांकन-दाखिल किए । तीनों ही सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन-पत्र दाखिल करने के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आम सभाओं को संबोधित किया । कांग्रेस ने गहलोत व पायलट की एकजुटता का दिखावा कर संदेश देने का प्रयास किया ।वहीं भाजपा प्रत्याशियों के नामाकंन-पत्र दाखिल करने के अवसर पर हुई सभा को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह,केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे । पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस मौके पर नहीं पहुंची । वसुंधरा के सभा में नहीं पहुंचने से भाजपा की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई । तीनों सभाओं में लगाए गए होर्डिंग्स में प्रदेश से लेकर जिला स्तर के 10 नेताओं के फोटो लगाए गए,लेकिन इनमें वसुंधरा राजे को जगह भी नहीं दी गई । फिलहाल अभी तक यह साफ नहीं हो सका कि वे खुद ही नहीं गई या उन्हे बुलाया ही नहीं गया ।

अपने ही विरोध में उतरे

अधिकृत प्रत्याशियों के सामने पार्टी के ही लोग खुलकर आ गए । कांग्रेस में सहाड़ा व राजसमंद सीटों पर गुटबाजी खुलकर सामने आई । कांग्रेस ने सहाड़ा से पूर्व विधायक स्व.कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी को टिकट दिया है ।उनके ही देवर राजेंद्र त्रिवेदी खुलकर सामने आ गए हैं । राजेंद्र त्रिवेदी समर्थकों ने तीन दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जताई । त्रिवेदी परिवार की आपसी खींचतान सार्वजनिक होने से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है । इसी सीट पर भाजपा ने पूर्व मंत्री रतन लाल जाट को प्रत्याशी बनाया है । 

तैयारी व जनसंपर्क में जुटी 

जाट के खिलाफ उनके छोटे भाई बद्रीलाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के टिकट पर मैदान में उतर गए हैं। अपने ही छोटे भाई के मैदान में उतरने से भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ेगा। सहाड़ा में जाट, गुर्जर, ब्राहम्ण, अनुसूचित जाति और वैश्य वर्ग का प्रभाव है। कांग्रेस ने ब्राहम्ण और भाजपा ने जाट को टिकट दिया है। इसी तरह राजसमंद सीट से भाजपा ने किरण माहेश्वरी के निधन के कारण उनकी बेटी दीप्ति को मैदान में उतारा है। दीप्ति टिकट घोषित होने से एक माह पहले से चुनाव की तैयारियों व जनसंपर्क में जुटी थी। 

समीकरण बिगाड़ सकते हैं

कांग्रेस ने खनन कारोबारी तनसुख बोहरा को मैदान में उतारा है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों को भीतरघात रोकना बड़ी चुनौती होगी। भाजपा में कर्णवीर सिंह सहित कई दावेदार थे,वहीं कांग्रेस में शांति लाल कोठारी, दिनेश कुमार व भगवत सिंह गुर्जर मजबूत दावेदार थे। इनको दरकिनार कर राजनीति से अब तक दूर रहे कोहरा को टिकट दिया है। ऐसे में कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी चरम पर है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने इस सीट से प्रहलाद खटाना को टिकट दिया है। सुजानगढ़ सीट से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री स्व.भंवरलाल मेघवाल और भाजपा ने खेमाराम मेघवाल को टिकट दिया है।  राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने सीताराम नायक को मैदान में उतारा है। नायक दोनों ही पार्टियों के समीकरण बिगाड़ सकते हैं।

एक-दूसरे को घेरा

सभाओं में सीएम गहलोत,पायलट व माकन ने जहां केंद्र सरकार को कृषि कानून, मुद्दों पर घेरा। ये नेता तीनों सभाओं में साथ रहे। वहीं भाजपा में सुजानगढ़ सीट से प्रत्याशी के पक्ष में अरूण सिंह व राजेंद्र राठौड़,राजसमंद और सहाड़ा में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने संबोधित किया। भाजपा नेताओं ने अपराधों व भ्रष्टाचार को लेकर गहलोत सरकार पर आरोप लगाए।

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