Rajasthan: अवैध इमारतों के मालिकों से अब वसूला जाएगा जुर्माना

Rajasthan Government. आवासीय अवैध इमारतों से एकमुश्त और व्यावसायिक अवैध इमारतों के मालिकों से प्रतिवर्ष यह जुर्माना लिया जाएगा।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Thu, 28 Nov 2019 12:52 PM (IST) Updated:Thu, 28 Nov 2019 12:52 PM (IST)
Rajasthan: अवैध इमारतों के मालिकों से अब वसूला जाएगा जुर्माना
Rajasthan: अवैध इमारतों के मालिकों से अब वसूला जाएगा जुर्माना

राज्य ब्यूरो, जयपुर। Rajasthan Government. राजस्थान में सरकार अब अवैध रूप से बनी इमारतों के मालिकों से भारी जुर्माना वसूलने की तैयारी कर रही है। इसे 'इम्पैक्ट फीस' कहा जा रहा है। आवासीय अवैध इमारतों से एकमुश्त और व्यावसायिक अवैध इमारतों के मालिकों से प्रतिवर्ष यह जुर्माना लिया जाएगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किस अवधि और कब तक बनी अवैध इमारतें इसके दायरे में आएंगी।

राजस्थान के सभी शहरों में अवैध निर्माण बड़ी संख्या में हैं। बिना किसी नियम के बनाई गई इन इमारतों के कारण संबंधित क्षेत्र के पर्यावरण, यातायात, सड़कों और अन्य आधारभूत सुविधाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सरकार की एजेंसियों की अनदेखी के कारण इन इमारतों में से कुछ ऐसी हैं, जिन्हें अब हटाना भी संभव नहीं हो रहा है। इन इमारतों में या तो बड़ी संख्या में लोग रहने लगे हैं या यह उस इलाके की बड़ी जरूरत बन गई है। ऐसे में अब सरकार इन इमारतों के मालिकों या रहवासियों से भारी जुर्माना वसूलने की तैयारी कर रही है। स्वायत्त शासन विभाग के सूत्रों का कहना है कि सरकार की कोशिश है कि बहुत पुरानी या ऐसी अवैध इमारतें जिन्हें तोड़ना अब संभव नहीं है, उनके मालिकों या रहवासियों से जुर्माना वसूला जाए।

जुर्माना ऐसा हो कि भविष्य में और अवैध निर्माण न हों। इसे इम्पैक्ट फीस के तौर पर वसूल किया जाएगा। हालांकि विकसित देशों में इम्पैक्ट फीस इसलिए वसूल की जाती है कि जब किसी क्षेत्र में कोई बड़ी इमारत बनती है तो उसकी वजह से वहां यातायात बढ़ता है। इसके साथ ही अन्य आधारभूत सुविधाएं भी प्रभावित होती हैं, इसलिए उनकी व्यवस्था करने के लिए संबंधित निर्माणकर्ता को यह फीस चुकानी पड़ती है। राजस्थान में इसे अवैध इमारतों के मालिक या रहवासियों से जुर्माने के रूप में वसूलने की तैयारी है, क्योंकि अवैध निर्माणों ने उस क्षेत्र की विकास योजना को बुरी तरह प्रभावित किया है। राजस्थान में सरकार वैध नए निर्माणों से विकास के एवज में राशि लेती है लेकिन चूंकि ये इमारतें अवैध थीं, इसलिए इनके मालिकों ने यह शुल्क भी नहीं दिया।

अब जुर्माना या इम्पैक्ट फीस कितनी हो और इसे किस तरह वसूल किया जाए और इसके लिए नियमों में क्या बदलाव करना है, यह तय करने के लिए प्रमुख सचिव नगरीय विकास की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। समिति की बैठक में तय किया गया है कि जुर्माना नहीं चुकाने पर संबंधित निकाय इमारत को सील कर देगा। जुर्माना चुकाने का मतलब यह कतई नहीं होगा कि इमारत अब वैध हो गई है। वसूली गई जुर्माना राशि सरकार की ओर से बनाए जाने वाले कोष मे जमा होगी। इसका उपयोग आधारभूत सुविधाओं को बेहतर करने में किया जाएगा। जुर्माना राशि और किस अवधि की इमारतें इसके दायरे में आएंगी यह तय किया जाना बाकी है।

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