राजस्थान में भगवा के बदले अब काले रंग की साइकिल चलाएंगी छात्राएं
Black Cycle. गहलोत सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की करीब पौने तीन लाख छात्राओं को काले रंग की साइकिल वितरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में सरकार बदलने के नौ माह बाद छात्राओं को वितरित की जाने वाली साइकिल का रंग एक बार फिर बदल गया है। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की करीब पौने तीन लाख छात्राओं को काले रंग की साइकिल वितरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बारे में निर्णय तो पहले ही हो गया था, लेकिन अब जिला शिक्षा अधिकारियों के पास काले रंग की साइकिलें पहुंच गई है। फिलहाल इन साइकिलों की फिटनेस जांची जा रही है, अगले सप्ताह से वितरण का काम शुरू हो जाएगा।
पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने सत्ता में रहते हुए छात्राओं को भगवा रंग की साइकिल वितरित की थीं, जिसका कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों ने विरोध किया था। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाते हुए शिक्षा में भगवाकरण का आरोप लगाया था। शिक्षा विभाग के अनुसार, प्रत्येक साइकिल की कीमत 3346 रुपये है। वसुंधरा राजे सरकार ने भगवा रंग की साइकिल 3255 रुपये में खरीदी थी अर्थात अब 91 रुपये महंगी साइकिल खरीदी गई है।
शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि छात्राओं को अच्छी क्वालिटी की शिक्षा के साथ साइकिल भी दी जाएगी, जिससे इन्हें बार-बार परेशान नहीं होना पड़े। सरकार ने तीन लाख साइकिल खरीदने के लिए 117 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। साइकिल का रंग और कीमत दोनों बदल चुकी है। अब इंतजार इन साइकिलों के सड़क पर उतरने का किया जा रहा है। साइकिलों के सड़क पर उतरते ही एक बार फिर सत्तारूढ़ दल और भाजपा के बीच सियासी संग्राम शुरू हो सकता है। भाजपा रंग बदलने के साथ ही बढ़ी हुई कीमतों पर साइकिल खरीदने से सरकारी खजाने को नुकसान होने का आरोप लगाते हुए सत्तापक्ष को घेर सकती है।
उधर, शैक्षिक संगठन शिक्षामंत्री के उस आदेश के विरोध में उतर आए हैं, जिसमें उन्होंने बालिका स्कूलों में 50 वर्ष से कम उम्र के शिक्षकों को हटाने की बात कही है। शिक्षामंत्री चाहते हैं कि बालिका स्कूलों में अधिकांश महिला शिक्षक ही लगें और फिर भी यदि आवश्यकता हो तो 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष शिक्षक लगाए जाएं।