Rajasthan: ड्रोन से रेगिस्तानी टिड्डियों को नियंत्रित करने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत

ड्रोन से रेगिस्तानी टिड्डियों को नियंत्रित करने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत टिड्डी नियंत्रण के लिए स्वदेशी स्प्रेयर वाहन बनाने में मिली बड़ी सफलता

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 10:48 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 10:48 AM (IST)
Rajasthan: ड्रोन से रेगिस्तानी टिड्डियों को नियंत्रित करने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत
Rajasthan: ड्रोन से रेगिस्तानी टिड्डियों को नियंत्रित करने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत

जोधपुर, रंजन दवे। टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन की तैनाती कर भारत ने टिड्डी नियंत्रण की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। राजस्थान और विशेषकर पश्चिमी राजस्थान के टिड्डी प्रभावित क्षेत्र के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी (जोधपुर) में चरणबद्ध तरीके से 12 ड्रोन की तैनाती का काम शुरू कर दिया गया है।

रेगिस्तानी टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ड्रोन की तैनाती ने टिड्डी सर्कल कार्यालयों की क्षमताओं में वृद्धि की है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने भी भारत के इस प्रयास के सराहना की है। समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन की तैनाती के विषय में कहा था, लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्रालय की मौजूदा नीति में कीटनाशकों के पेलोड के साथ ड्रोन के उपयोग की अनुमति नहीं है। जिसके बाद कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण से जुड़े विभागों ने इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से विशेष अनुमति की मांग की थी। सभी आवश्यक प्रक्रिया के सम्पूर्ण होने के बाद ड्रोन, हवाई जहाज और हेलीकॉप्टरों से कीटनाशकों के हवाई छिड़काव की मानक परिचालन प्रक्रिया को केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया।

टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन की सेवाएं प्रदान करने के लिए राजस्थान के जयपुर और मध्य प्रदेश में शिवपुरी की दो फ़र्मों को पैनल पर रखा गया है। परीक्षण में भी ड्रोन का उपयोग दुर्गम क्षेत्रों और ऊंचे पेड़ों पर टिड्डी नियंत्रण में आशा से अधिक संतोषजनक रहा है। वहीं टिड्डी नियंत्रण के काम आने वाले स्प्रेयर वाहन भी देश में विकसित होंगे।

अल्ट्रा लो वॉल्यूम (यूएलवी) स्प्रेयर लगे इन वाहनों का राजस्थान के अजमेर और बीकानेर जिलों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। अब इस स्प्रेयर वाहन के वाणिज्यिक लॉंच के लिए आवश्यक स्वीकृतियां लेने की कार्यवाही चल रही है। इसके वाणिज्यिक उत्पादन के साथ ही टिड्डी नियंत्रण में महत्वपूर्ण इस उपकरण के आयात पर भारत की निर्भरता समाप्त हो सकेगी। वर्तमान में स्प्रेयर वाहन इंगलैंड के एक फर्म से खरीदा जा रहा है। इस फर्म को 60 स्प्रेयरों की आपूर्ति के लिए फरवरी 2020 में आदेश दिये गए थे। जिसमें से भारत को अभी 15 स्प्रेयर मिले हैं। बाकी 45 इकाइयों की आपूर्ति एक महीने के भीतर होने की संभावना है।  

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