Jodhpur Airbase: जोधपुर एयरबेस पर भारत और फ्रांस वायुसेना करेगी युद्धाभ्यास

Jodhpur Airbase जोधपुर एयरबेस पर चलने वाले इस युद्धाभ्यास के दौरान भारत और फ्रांस के फाइटर्स जेट राफेल के बीच मुकाबला होगा। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच नियमित रूप से होने वाले गरुड़ युद्धाभ्यास से अलग है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 08:44 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 08:44 PM (IST)
Jodhpur Airbase: जोधपुर एयरबेस पर भारत और फ्रांस वायुसेना करेगी युद्धाभ्यास
जोधपुर एयरबेस पर भारत और फ्रांस वायुसेना करेगी युद्धाभ्यास। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। Jodhpur Airbase: भारत और फ्रांस के बीच जोधपुर में बुधवार को युद्धाभ्यास होगा। यह युद्धाभ्यास 24 जनवरी तक चलेगा। रेगिस्तान में होने के कारण इस युद्धाभ्यास को "डेजर्ट नाइट" नाम दिया गया है। जोधपुर एयरबेस पर चलने वाले इस युद्धाभ्यास के दौरान भारत और फ्रांस के फाइटर्स जेट राफेल के बीच मुकाबला होगा। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच नियमित रूप से होने वाले 'गरुड़' युद्धाभ्यास से अलग है। इस समय फ्रांस की एयरफोर्स का एक बड़े स्कॉयरॉस डेप्लायमेंट के रूप में एशिया क्षेत्र में तैनात है। ऐसे में वहां से इसके राफेल फाइटर्स सहित एयर रिफ्यूल टैंकर व परिवहन विमान इस युद्धाभ्यास में शामिल होने जोधपुर आएंगे।

भारत की तरफ से राफेल के साथ ही सुखाई व अन्य लड़ाकू विमान इस युद्धाभ्यास में शामिल होंगे। इस दौरान दोनों देशों के पायलट अपने अनुभवों को एक-दूसरे से साझा करेंगे। जोधपुर में युद्धाभ्यास करने का एक बड़ा कारण यहां मौसम का लगभग हमेशा साफ रहना व यहां से सीमावर्ती इलाके तक बिना किसी रुकावट के लंबी दूरी तक उड़ान भरने की सुविधा है। करीब छह साल पहले जोधपुर में राफेल उड़ाने वाले पायलट्स को यहां का मौसम अच्छा लगा था। साल 2014 में भारत और फ्रांस की वायुसेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़ में राफेल अपनी ताकत दिखा चुका है। उस समय राफेल और सुखाई के बीच रोचक मुकाबला हुआ था।

गौरतलब है कि अक्टूबर, 2017 में जोधपुर एयरबेस पर लड़ाकू हेलीकॉप्टर एचएलएच मार्क-4 रूद्र की तैनाती की गई थी। यह देश का पहला ऐसा एयरबेस है जहां रूद्र की तैनाती की गई है। वायुसेना के अधिकारियों के अनुसार हेलिकॉप्टर की विशेषता यह है कि इसके फ्यूल टैंक पर गोली लगने के बाद भी यह नहीं फट सकता। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित इस हेलिकॉप्टर के आगे बड़ी गन लगी होने के साथ ही सटीक निशाना साधने के लिए इसके ऊपर ही 20 एमएम का लेंस लगा हुआ है। लेंस की मदद से पायलट एयर टू एयर और एयर टू ग्राउंड अटैक करने में सक्षम होता है। इसमें 70 एमएम का रॉकेट मिसाइल सिस्टम भी लगा हुआ था।

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