Gujjar Reservation Movement: किरोड़ी सिंह बैंसला बोले, मांगे पूरी होने तक जारी रखेंगे आंदोलन

Gujjar Reservation Movement गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने सोमवार को कहा कि कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। सरकार को हमारी मांगों को जल्द से जल्द मान लेना चाहिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 02 Nov 2020 04:22 PM (IST) Updated:Mon, 02 Nov 2020 06:23 PM (IST)
Gujjar Reservation Movement: किरोड़ी सिंह बैंसला बोले, मांगे पूरी होने तक जारी रखेंगे आंदोलन
किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे।

जयपुर, एएनआइ। Gujjar Reservation Movement: राजस्थान के भरतपुर में सोमवार को आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय के सदस्यों का विरोध जारी है। इस बीच, गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। सरकार को हमारी मांगों को जल्द से जल्द मान लेना चाहिए। इस बीच, गुर्जर विरोध के मद्देनजर कोटपूतली, पटवा, शाहपुरा, विराटनगर, जमवा रामगढ़, माधोराजपुरा, दूदू और मोजमाबाद में सोमवार शाम पांच बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं। इधर, अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में पांच फीसद आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर राजस्थान में गुर्जर एक बार सड़क पर उतर आए। भरतपुर के अड्डा बयाना में दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बाधित कर दिया। युवाओं ने रेलवे ट्रैक की पटरी उखाड़ दी और जगह-जगह गड्ढ़े कर दिए गए। आधा दर्जन ट्रेनों को रोक दिया गया। 

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने भरतपुर के पिलूकापुरा में महापंचायत बुलाई थी। उन्होंने महापंचायत के बाद चक्काजाम का आहान किया था, लेकिन उग्र युवाओं ने इससे पहले ही पटरी उखाड़ दी। सरकार की तरफ गुर्जर नेताओं को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन शाम तक कोई समझौता नहीं हो सका। गुर्जरों को मनाने के लिए राज्य के खेलमंत्री अशोक चांदना देर शाम हिंडौन पहुंचे और सरकार की तरफ से अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दी।

चक्काजाम को देखते हुए सरकार ने भरतपुर व करौली जिलों में रोडवेज की बसों का संचालन बंद कर दिया। भरतपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, दौसा जिलों के साथ ही जयपुर की तीन तहसीलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू किया गया है। भरतपुर में धारा-144 लागू की गई, इसमें पांच या इससे अधिक लोग एक साथ एकत्रित नहीं हो सकते। हालांकि गुर्जरों पर इसका असर नहीं हुआ। गुर्जर बहुल जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। पुलिस की 23 कंपनियां और रेलवे पुलिस फोर्स के जवान तैनात किए गए हैं। आधा दर्जन आइएएस और एक दर्जन राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को गुर्जर बहुल इलाकों में तैनात किया गया है। 

दो गुटों में बंटे गुर्जर नेता

इसी बीच, गुर्जर नेता दो गुटों में बंट गए। एक गुट बैंसला का है। वहीं, दूसरा गुट हिम्मत सिंह का है, जिसने शनिवार को सरकार के साथ वार्ता की। इस वार्ता में 14 बिंदुओं पर सहमति बनी थी। हिम्मत सिंह ने गुर्जर आंदोलन की जरूरत नहीं बताई थी, लेकिन बैंसला गुट ने इसे नहीं माना। हिम्मत सिंह ने कहा कि बैंसला भाजपा के इशारे पर अपने बेटे विजय को राजनीति में स्थापित करने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। रविवार दोपहर बाद पिलूकापुरा में हुई महापंचायत के बीच राज्य सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना ने बैंसला से मोबाइल पर बात की। उन्होंने बताया कि सरकार ने गुर्जरों सहित पांच जातियों को एमबीसी में आरक्षण दिया है। यह मामला 9वीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर राज्य सरकार की तरफ से दो बार केंद्र सरकार को पत्र लिखा जा चुका है। बैंसला चांदना के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्हें धरना स्थल पर बुलाया। 

यह भी पढ़ेंः जानें, किस बात पर अड़ें हैं गुर्जर; क्यों बार-बार करते हैं आंदोलन

chat bot
आपका साथी