मप्र.के बाद अब गहलोत सरकार भी मीसा बंदियों की पेंशन, भत्तों पर लगाएगी रोक

Misa prisoners, मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भी आपातकाल के दौरान जेल गए मीसा और डीआरआई बंदियों की पेंशन बंद करने की तैयारी कर रही है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 07 Jan 2019 02:24 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jan 2019 02:24 PM (IST)
मप्र.के बाद अब गहलोत सरकार भी मीसा बंदियों की पेंशन, भत्तों पर लगाएगी रोक
मप्र.के बाद अब गहलोत सरकार भी मीसा बंदियों की पेंशन, भत्तों पर लगाएगी रोक

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भी आपातकाल के दौरान जेल गए मीसा और डीआरआई बंदियों की पेंशन बंद करने की तैयारी कर रही है। पेंशन के साथ ही इन्हे मिलने वाली नि:शुल्क बस यात्रा और चिकित्सा सुविधा भी बंद होगी। पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने मीसा और डीआरआई बंदियों को "लोकतंत्र रक्षक" नाम दिया था।

वहीं वसुंधरा राजे सरकार द्वारा आरएसएस से जुड़े लोगों के पैनोरमा बनाने के लिए दिए जाने वाले अनुदान पर भी गहलोत सरकार रोक लगाएगी। जयपुर के धानक्या में पं.दीनदयाल उपाध्याय की जन्म स्थली पर बने स्मारक के रखरखाव के लिए सरकारी खजाने से दिए जाने वाला पैसा भी अब रोका जाएगा ।

वसुंधरा सरकार ने दी थी 20 हजार पेंशन

पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने मीसा और डीआरआई बंदियों को 20 हजार रूपए मासिक पेंशन,नि:शुल्क बस यात्रा एवं नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा देने की योजना लागू की थी। इन्हे स्वतंत्रता सेनानी की तरह लोकतंत्र सेनानी नाम एवं सम्मान दिया गया था। वर्तमान में प्रदेश में 1120 मीसा और डीआरआई बंदी है। अब गहलोत सरकार मध्यप्रदेश की तर्ज पर इस योजना को बंद करने की तैयारी कर रही है।

वसुंधरा सरकार ने आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहे मीसा बंदियों के साथ साथ उस दौरान सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं में निरुद्ध लोगों को भी पेंशन और भत्ते के दायरे में शामिल किया था। जानकारी के अनुसार गहलोत सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को दी जाने वाली पेंशन से होने वाले वित्तीय भार की जानकारी मंगवाई है। संघ पृष्ठभूमि के जिन लोगों के पैनोरमा बनाने की प्रक्रिया वसुंधरा राजे सरकार ने प्रारम्भ की थी उस पर भी गहलोत सरकार रोक लगाने की तैयारी कर रही है। अधिकारियों को मौखिक तौर पर इस बारे में आदेश दिए गए है।

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