घर पर नहीं बनाते भोजन, मंदिरों के प्रसाद से ही भरते हैं पेट
गुरुवार को एक ऐसा त्योहार मनाया गया, जिसमें हर तरह के लोग भोजन के लिए मंदिरों में कतार में खड़े होते हैं। घर में भोजन नहीं बनता, बल्कि मंदिरों के प्रसाद को ही घर पर लाकर उसे ही परिवार के लोग मिलकर खाते हैं और पेट भरते हैं।
जयपुर। दिवाली पर राजस्थान में गुरुवार को एक ऐसा त्योहार मनाया गया, जिसमें हर तरह के लोग यानी बड़े घरानों के लोग भी भोजन के लिए मंदिरों में कतार में खड़े होते हैं। घर में भोजन नहीं बनता, बल्कि मंदिरों के प्रसाद को ही घर पर लाकर उसे ही परिवार के लोग मिलकर खाते हैं और पेट भरते हैं।
असल में राजस्थान में दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजन का आयोजन होता है। गुरुवार शाम इसका मुहूर्त था। इससे पहले ही यह अन्नकूट महोत्सव का आयोजन शुरू हो गया है। अन्नकूट पर ही मंदिरों में बड़े सवेरे से ही प्रसाद बनाने का काम शुरू हो गया था।