राजस्थान की क्रेडिट सोसायटियों ने देशभर के निवेशकों से ठगे 20 हजार करोड़

गहलोत सरकार ने नई क्रेडिट सोसायटियों का रजिस्ट्रेशन बंद करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही निष्क्रिय 387 सोसायटियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 03:19 PM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 03:19 PM (IST)
राजस्थान की क्रेडिट सोसायटियों ने देशभर के निवेशकों से ठगे 20 हजार करोड़
राजस्थान की क्रेडिट सोसायटियों ने देशभर के निवेशकों से ठगे 20 हजार करोड़

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा । राजस्थान में नई क्रेडिट सोसायटियां अब नहीं बन सकेगी । सरकारी अधिकारियों एवं माफियाओं की मिलीभगत से प्रदेश में बनी क्रेडिट सोसायटियों द्वारा करीब 20 हजार करोड़  का गबन किए जाने का मामला सामने आने के बाद अशोक गहलोत सरकार ने नई क्रेडिट सोसायटियों का रजिस्ट्रेशन बंद करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही निष्क्रिय 387 सोसायटियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा कराई गई जांच में सामने आया कि क्रेडिट सोसायटियों के संचालन में पैसों की बड़ी आमद देखकर सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही राजनेताओं के संरक्षण में माफियाओं के साथ मिलकर क्रेडिट सोसायटियां बनाई थी।

इन सोसायटियों में किसी अधिकारी ने अपनी पत्नी को तो किसी ने बेटे,ससुर और अन्य रिश्तेदारों को संचालक बना दिया । यही नही कुछ अधिकारियों ने सेवानिवृत होने के बाद खुद क्रेडिट सोसायटियों में पद ले लिए। अब सरकार इस मामले की जांच एसओजी को सौंपने की तैयारी कर रही है। एसओजी जांच करेगी कि सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ ही राजनेताओं के संरक्षण में किस तरह से माफियाओं के साथ मिलकर क्रेडिट सोसायटियां बनाई थी।

राज्य में अब तक एक दर्जन क्रेडिट सोसायटियों का घाटोला सामने आ चुका है। इनमें आदर्श क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी का 14,500 करोड़ का घोटाला देश के बड़े घोटालों में से एक माना जा रहा है। इसी तरह संजीवनी क्रेडिट सोसायटी ने दो हजार करोड़ का घोटाला किया तो नवजीवन क्रेडिट सोसायटी ने 500 करोड़ से अधिक का घोटाला किया। आदर्श और संजीवनी क्रेडिट सोसायटियों की जांच पहले से ही एसओजी कर रही है। ईडी भी इन सोसायटियों की जांच में जुटी है। ईडी ने आदर्श सोसायटी की 1489 करोड़ की संपति अटैच भी की है। अब सभी सोसायटियों की जांच होगी। निवेशकों को ठगने वाली 9 क्रेडिट सोसायटियों अम्बे, केशव, सुप्रीम, शुभ, सुधन, पावर्ती, महिमा और दानी क्रेडिट सोसायटियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है। इन सोसायटियों ने भी आदर्श,नवजीवन और संजीवनी की तरह निवेशकों का पैसा ठगा था ।

सबसे ज्यादा सोसायटी रेगीस्तानी इलाके में खुली और देशभर में फैली

क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटियों के धंधे में निवेशकों को ठगने का धंधा राज्य के रेगीस्तानी इलाके जोधपुर संभाग में सबसे अधिक हुआ। देश के 6 राज्यों राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और दिल्ली में 806 शाखाएं खोलकर निवेशकों से 14,500 करोड़ की ठगी करने वाली आदर्श क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी का मुख्यालय सिरोही में खोला गया और इसके कर्ताधर्ता वीरेंद्र मोदी और मुकेश मोदी यहीं के रहने वाले है । राजस्थान और गुजरात में 237 शाखाएं खोलकर 1100 करोड़ का घोटाला करने वाली संजीवनी क्रेडिट सोसायटी का मुख्यालय बाड़मेर में खोला गया ।

इस सोसायटी का विक्रम सिंह बाड़मेर का ही रहने वाला है। जांच में सामने आया कि सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने जोधपुर,जैसलमेर,बाड़मेर,पाली,जालौर और सिरोही में तैनाती के दौरान क्रेडिट सोसायटियों की बहती गंगा में हाथ धोने के लिए अपने रिश्तेदारों के माध्यम से सोसायटियां खोल दी । ऐसे 15 अधिकारियों की पहचान की गई है। राज्य सरकार के पास मौजूद रिकॉर्ड के अनुसार प्रदेश में 1300 रजिस्टर्ड क्रेडिट सोसायटी है। इनमें से 72 मल्टी स्टेट सोसायटियों का रजिस्ट्रेशन हुआ,इनमें से अधिकांश ने तीन साल पहले ही अपने कार्यालय बंद कर निवेशकों के पैसे हड़प लिए ।

सरकार ने कहा,नया रजिस्ट्रेशन नहीं होगा और पुरानी की जांच होगी

सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने कहा कि प्रदेश में नई सोसायटियों के रजिस्ट्रेशन का काम बंद कर दिया गया है। कुछ सोसायटियों का रजिस्ट्रेशन रद्द भी कर दिया गया । क्रेडिट सोसायटियों के साथ ही अब हाउसिंग सोसायटियों की भी जांच होगी। वहीं सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार नीरज के.पवन ने बताया कि नई सोसायटियों के रजिस्ट्रेशन रोक दिए गए है। पुरानी सोसायटियों की जांच शुरू कराई जाएगी। 

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