Rajasthan: कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की वाइस सैंपल लेने की दी मंजूरी, जानें-क्या है मामला

Rajasthan कोर्ट के नोटिस के बाद सचिन पायलट खेमे की पिछले साल हुई बगावत के बाद कथित रूप से विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर वायरल हुए ऑडियो के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किल बढ़ सकती है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 09:47 PM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 09:47 PM (IST)
Rajasthan: कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की वाइस सैंपल लेने की दी मंजूरी, जानें-क्या है मामला
कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की वाइस सैंपल लेने की दी मंजूरी, जानें-क्या है मामला। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे की पिछले साल हुई बगावत के बाद कथित रूप से विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर वायरल हुए ऑडियो के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किल बढ़ सकती है। राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रार्थना-पत्र की सुनवाई करते हुए जयपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय ने शेखावत और संजय जैन की वॉइस सैंपल लेने की अनुमति दी है। कोर्ट ने इस प्रकरण में आगामी कार्रवाई के लिए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को अधिकृत किया है। ब्यूरो ने जांच के लिए अपने प्रार्थना-पत्र में शेखावत व संजय जैन की वॉइस सैंपल लेने की जरूरत बताई थी।

जानें, क्या है मामला

पिछले साल जुलाई माह में पायलट खेमे की बगावत के समय तीन ऑडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए थे। जिनमें विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर बातचीत की जा रही थी। ब्यूरो और राज्य एटीएस ने जांच के बाद माना कि इन ऑडियो में शेखावत, उस समय पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा और जैन की आवाज है। जांच एजेंसियों का मानना था कि जैन इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था। ऑडियो वायरल होने के बाद एसओजी ने जैन सहित दो लोगों को गिरफ्तार भी किया था। कांग्रेस और एसओजी ने इनकी बातचीत को सरकार गिराने की साजिश बताया था। ब्यूरो ने शेखावत को वॉइस सैंपल देने को लेकर पिछले दिनों नोटिस भेजा था, लेकिन शेखावत इसके लिए तैयार नहीं हुए। इस पर ब्यूरो ने कोर्ट में प्रार्थना-पत्र पेश किया था। कोर्ट ने बुधवार को शेखावत व जैन के सैंपल लेने को मंजूरी दी है।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में दर्ज करवाई थी एफआइआर

गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में एफआइआर दर्ज करवाई थी। इसमें जनप्रतिनिधियों के फोन टेप करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया गया था। शेखावत ने एफआइआर में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा और अज्ञात पुलिस अफसरों को आरोपित बताया था। दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी सतीश मलिक इस मामले की जांच कर रहे हैं। 

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