कांग्रेस विधायक बोले, मंत्रिमंडलीय समिति में जगह नहीं मिलना दलित मंत्रियों का अपमान

सोलंकी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि दलित समाज जो कि कांग्रेस कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक है उसके बावजूद भी उस समाज से आने वाले मंत्रियों को महत्वपूर्ण समितियों में तवज्जों नहीं देना समझ से परे है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 09:29 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 09:29 PM (IST)
कांग्रेस विधायक बोले, मंत्रिमंडलीय समिति में जगह नहीं मिलना दलित मंत्रियों का अपमान
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल को 13 समितियों का प्रमुख बनाए जाने से अन्य मंत्रियों ने नाराजगी जताई है।

 नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार में कलह बढ़ती जा रही है। पार्टी के ही विधायक सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। अशोक गहलोत सरकार में दलित समाज के मंत्रियों को मंत्रिमंडलीय समितियों में स्थान नहीं मिलने पर कांग्रेस के दलित विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने नाराजगी जताई है। सोलंकी का कहना है कि यह ये दोनों काबिल मंत्रियों सहित समस्त दलित समाज का अपमान है।

मंत्रियों को तवज्जों नहीं देना समझ से परे हैं

सोलंकी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि दलित समाज जो कि कांग्रेस कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक है उसके बावजूद भी उस समाज से आने वाले मंत्रियों को महत्वपूर्ण समितियों में तवज्जों नहीं देना समझ से परे है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के विश्वस्तों में शामिल सोलंकी ने दलित समाज की सरकार में उपेक्षा होने को लेकर अपनी बात कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचाई है।

टीकाराम और भजनलाल को शामिल नहीं किया

सोलंकी का कहना है कि दलित समाज के विधायकों की सरकार में बिल्कुल नहीं चलती । मंत्रियों को भी नाम मात्र के विभाग दे रखे हैं। उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार में 24 मंत्रिमंडलीय समितियां बनी हुई है। लेकिन इनमें से किसी में भी दो दलित मंत्रियों टीकाराम जूली और भजनलाल जाटव को शामिल नहीं किया गया है । सोलंकी का कहना है कि पहली बार विधायक बनने वालों को मंत्री बनाकर 9-9 समितियों में शामिल किया है ।

गहलोत खेमे के मंत्रियों को तवज्जों नहीं मिली

पहली बार विधायक बनने वाले सुभाष गर्ग राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर पहली बार चुनाव जीते और कांग्रेस को समर्थन देने के कारण उन्हें मंत्री बनाया गया। गर्ग सीएम गहलोत के काफी निकट हैं। इन समितियों में गहलोत खेमे के मंत्रियों को तवज्जों नहीं मिली। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल को 13 समितियों का प्रमुख बनाए जाने से अन्य मंत्रियों ने नाराजगी जताई है।

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