Coronavirus: राजस्थान में कोरोना संकट में बाल विवाह रोकने की चुनौती

Corona crisis. राजस्थान में अक्षय तृतीया या इसके आसपास के समय में बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 24 Apr 2020 02:13 PM (IST) Updated:Fri, 24 Apr 2020 04:08 PM (IST)
Coronavirus: राजस्थान में कोरोना संकट में बाल विवाह रोकने की चुनौती
Coronavirus: राजस्थान में कोरोना संकट में बाल विवाह रोकने की चुनौती

जयपुर, मनीष गोधा। Corona crisis. राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के संकट में बाल विवाह रोकने की चुनौती भी सामने आ गई है। राजस्थान में अक्षय तृतीया या इसके आसपास के समय में बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं। इस बार हालांकि कोरोना संक्रमण का डर गांवों में भी दिख रहा है, इसलिए ऐसी कोई सूचना अभी तक सरकार के पास नहीं है, लेकिन आशंका बनी हुई है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सभी कलक्टरों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हुए हैं।

राजस्थान में बाल विवाह अभी भी होते हैं और अक्षय तृतीया इसके लिए अबूझ सावा माना जाता है। इस बार अक्षय तृतीया 26 अप्रैल रविवार को है। राजस्थान में अक्सर सामूहिक विवाहों की आड़ में बाल विवाह किए जाते हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस समय विवाह समारोहों पर पूरी तरह रोक है। लाॅकडाउन के चलते प्रशासन की नजर भी बनी हुई है। ऐसे में इस बार अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाहों के मामले में प्रशासन कुछ हद तक राहत में दिख रहा है, लेकिन बाल विवाह होने की आशंका बनी हुई है।

राजस्थान के जोधपुर में अपनी संस्था के माध्यम से बाल विवाह समाप्त कराने के अभियान में जुटी कृति भारती कहती हैं कि पिछले कुछ सालों से अक्षय तृतीया पर प्रशासन काफी सख्त रहता है, इसलिए लोग अब विवाह पहले कर लेते हैं और अक्षय तृतीया पर मुकलावा यानी विदाई कराते हैं। भारती कहती हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण का असर तो गांवों में है, लेकिन लाॅकडाउन की जैसी सख्ती शहरों में है, वैसी गांवों में नहीं है। ऐसे में गुपचुप बाल विवाहों की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि हाल में जोधपुर के फलौदी के पास बच्ची की विदाई के लिए दबाव डाले जाने की घटन सामने आई है। ऐसी स्थिति कुछ और जगह भी हो सकती है। भारती का कहना है कि ऐसा अपराध करने वाले प्रशासन से ज्यादा चालाक हैं।

इस मामले में राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीएल सोनी ने कहा कि हमने निचले स्तर तक थानों को निर्देश दिए हुए हैं कि ऐसा कोई भी आयोजन नहीं होने दिया जाए। अभी तक किसी विवाह आयोजन की सूचना भी हमारे पास नहीं है। फिर भी हम सतर्क है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सभी जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं कि अक्षय तृतीया पर विशेष सतर्कता रखी जाए और कहीं भी ऐसा कोई आयोजन हो तो कानूनी कार्रवाई की जाए। 

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