भजनलाल सरकार का एक्शन, 25 लाख रुपये की रिश्वत मामले में कलेक्टर के घर ACB का छापा; पढ़ें अशोक गहलोत से क्या है कनेक्शन

Rajasthan ACB raid Dudu collector जमीन हेरफेर मामले में कथित तौर पर रिश्वत मांगने के आरोप में दूदू जिला राजस्व अधिकारी और एक ग्राम स्तर के राजस्व अधिकारी के आवासों पर राजस्थान एसीबी ने छापेमारी की है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ढाका और हंसराज ने जमीन हेरफेर मामले में उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी।

By AgencyEdited By: Mahen Khanna Publish:Sat, 27 Apr 2024 11:15 AM (IST) Updated:Sat, 27 Apr 2024 11:18 AM (IST)
भजनलाल सरकार का एक्शन, 25 लाख रुपये की रिश्वत मामले में कलेक्टर के घर ACB का छापा; पढ़ें अशोक गहलोत से क्या है कनेक्शन
Rajasthan ACB raid Dudu collector दूदू कलेक्टर के घर छापेमारी।

HighLights

  • जमीन हेराफेरी मामले में कथित तौर पर रिश्वत मांगने के आरोप में दूदू कलेक्टर के घर छापामारी।
  • एक रिकॉर्डर ने खोल दी थी पोल।

एजेंसी, जयपुर। Rajasthan ACB raid Dudu collector राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक कलेक्टर के घर पर आज छापामारी की है। जमीन हेराफेरी मामले में कथित तौर पर रिश्वत मांगने के आरोप में दूदू जिला राजस्व अधिकारी और एक ग्राम स्तर के राजस्व अधिकारी के आवासों पर छापेमारी की गई है। 

आरोप है कि कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज ने 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। ब्यूरो के अधिकारियों ने कहा कि एक शिकायत के आधार पर ये छापेमारी की गई थी।

25 लाख के रिश्वत केस में कार्रवाई 

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के उप महानिरीक्षक रवि ने एक बयान में कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ढाका और हंसराज ने जमीन हेरफेर मामले में उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता के पास 204 बीघे जमीन है।

गहलोत से ये है कनेक्शन

बता दें कि पिछले साल  कलेक्टर हनुमान मल ढाका राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संयुक्त सचिव पद पर रहे हैं। कलेक्टर हनुमान मल झुंझुनूं के रहने वाले हैं और वो प्रमोटी आईएएस हैं। एक साल पहले ही उनका आरएएस से आईएएस में प्रमोशन हुआ था।

एसीबी के उप महानिरीक्षक रवि ने कहा कि शिकायतकर्ता ने दावा किया कि जब उसने बताया कि उसके पास मांगी गई राशि नहीं है, तो उसे आश्वासन दिया गया कि अगर वह 15 लाख रुपये का भुगतान कर सकता है तो कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

एक रिकॉर्डर ने खोल दी थी पोल

शिकायत की जांच की प्रक्रिया में पीड़ित एक रिकॉर्डर पहनकर कलेक्टर से उनके निवास डाक बंगले पर मिला और यह स्पष्ट हो गया कि ढाका ने लगभग 7.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।

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