राजस्थान का भड़ला बना दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क, सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन

राजस्थान का भड़ला बना दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क कर्नाटक व तमिलनाडु से अधिक उत्पादन राजस्थान में हो रहा है

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 28 Aug 2020 03:12 PM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2020 03:21 PM (IST)
राजस्थान का भड़ला बना दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क, सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन
राजस्थान का भड़ला बना दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क, सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन

जयपुर, जागरण संवाददाता। देश में सोलर एनर्जी उत्पादन में राजस्थान का अग्रणी स्थान बना हुआ है। राज्य सरकार का दावा है कि देश के सबसे अधिक सोलर प्लांट्स राजस्थान में लगे हैं। इस साल 1745 मेगावाट क्षमता के प्लांट्स स्थापित हुए हैं। राजस्थान के बाद कर्नाटक में 1443 मेगावाट और तमिलनाडु में 1342 मेगावाट के सोलर प्लांट्स लगे हुए हैं। शेष राज्य सोलर पॉवर के मामले में दिलचस्पी नहीं ले रहे।

राज्य के उर्जा मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला का दावा है कि जोधपुर का भड़ला सोलर पार्क अब विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क हो गया है। 14 हजार एकड़ अर्थात 50 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले इस पार्क में 900 कंपनियों ने प्लांट लगाने को लेकर अक्षय उर्जा निगम में पंजीकरण कराया है। 18 बड़ी कंपनियाो के 36 सोलर प्लांट्स पहले से लगे हुए है। कुछ समय पहले तक कर्नाटक का पावगढ़ सोलर पार्क दुनिया का सबसे बड़ा था लेकिन अब भड़ला सोलर पार्क में सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू होने के बाद पावगढ़ पार्क पीछे रह गया है। भड़ला सोलर पार्क में 9900 करोड़ का निवेश हो चुका है। यहां सालाना 33 हजार 165 यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। यहां बनने वाली बिजली को ग्रिड सब स्टेशन व हाइटेंशन लाइनों के माध्यम से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जा रहा है। दावा है कि यहां से करीब 800 मेगावाट बिजली उत्तरप्रदेश सप्लाई की जा रही है।

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के चेयरमैन अजिताभ शर्मा ने बताया कि राजस्थान देश में सोलर हब बन रहा है। यहां सोलर पार्क के लिए बड़ा लैंड बैंक भी है। सोलर प्लांट्स में लगातार निवेश बढ़ने के साथ ही बिजली की टैरिफ भी कम होगी। सोलर पार्क में कई कंपनियों ने निवेश किया है। इन कंपनियों में टेक्नीकल स्टाफ के साथ अन्य लोगों की बड़ी संख्या में जरूरत है। ऐसे में जोधपुर व बाड़मेर,जैसलमेर जिलों के युवाओं को पहले से अधिक रोजगार मिलने की उम्मीद है। जैसलमेर व बाड़मेर में भी बड़ी कंपनियां सोलर पॉवर प्लांट्स लगाने को लेकर दिलचस्पी ले रही है।

राज्य में पिछले साल सोलर पॉवर पॉलिसी जारी होने के बाद अब तक 23 हजार मेगावाट क्षमता के प्लांट्स लगने की योजना बनाई जा चुकी है। अगले तीन साल में 30 हजार मेगावाट के सोलर प्लांट्स लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही सोलर प्रदेश के जैसलमेर, बाड़मेर व जोधपुर में सोलर विकिरण के कारण उत्पादन काफी अधिक हो रहा है। हालांकि कोरोना महामारी का असर सोलर पॉवर प्लांट्स पर भी हुआ है, इनमें काम करने वाले कर्मचारियों के नहीं होने के कारण काफी समय तक काम बंद रहा है। 

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