Rajasthan: उदयपुर में बीएड कॉलेज का प्रशासक रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार

Rajasthan उदयपुर के माल की टूस स्थित महारानी बीएड कॉलेज में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कॉलेज के प्रशासक योगेश्वर वत्स को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में कॉलेज के प्राचार्य राजेश मंत्री की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 06:10 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 06:10 PM (IST)
Rajasthan: उदयपुर में बीएड कॉलेज का प्रशासक रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार
उदयपुर में बीएड कॉलेज का प्रशासक रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान सरकार ने कोरोना काल में स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट करने का निर्णय लिया है, लेकिन कुछ शिक्षण संस्थान उपस्थिति तथा प्रेक्टिकल में अच्छे नंबर देने की आड़ में अवैध रूप से पैसा वसूली में लगे हैं। ऐसा ही एक मामला उदयपुर में सामने आया है, जहां एक शिक्षण संस्थान का कर्मचारी शुक्रवार को बीएड की एक छात्रा के प्रेक्टिकल में अच्छे नंबर तथा उपस्थिति बढ़ाने के एवज में पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। मामला उदयपुर के माल की टूस स्थित महारानी बीएड कॉलेज का है। जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने महारानी बीएड कॉलेज के प्रशासक योगेश्वर वत्स को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कॉलेज के प्राचार्य राजेश मंत्री की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) निवासी सुखराम कड़िया ने उदयपुर स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की स्पेशल यूनिट के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा से शिकायत की थी कि उसकी छोटी बहन माल की टूस स्थित महारानी बीएड कॉलेज से दो वर्षीय बीएड का कोर्स कर रही है। राज्य सरकार ने कोरोना काल के चलते प्रथम वर्ष के सभी अभ्यर्थियों को प्रमोट करने का निर्णय लिया, किन्तु कॉलेज प्रशासन प्रेक्टिनल में अच्छे नंबर तथा उपस्थिति को दर्ज कराने के एवज में बीस हजार रुपये की अतिरिक्त मांग कर रहा है। मामले की जांच के लिए एसीबी के निरीक्षक सोनू शेखावत के नेतृत्व में टीम भेजी गई। शुक्रवार को कॉलेज प्रशासक योगेश्वर वत्स ने पांच हजार रुपये लिए, तभी उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। बताया गया कि वत्स दस हजार रुपये की राशि पहले ले चुका था। गिरफ्तार आरोपित ने बताया कि उसने कॉलेज प्राचार्य के कहने पर यह राशि ली है। जिस पर कॉलेज प्राचार्य राजेश मंत्री की भी भूमिका को लेकर जांच की जा रही है। 

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