Rajasthan: 27000 ग्राम पंचायत सहायक इस बार जयपुर में मनाएंगे काली दिवाली, ये हैं प्रमुख मांगे

Rajasthan 27000 ग्राम पंचायत सहायकों ने 25 अक्टुबर से संपूर्ण राजस्थान में कार्य का बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन आंदोलन को सफल बनाने और अपनी प्रमुख नियमितीकरण की मांगों को पूरा करवाने के लिए जयपुर में काली दिवाली मनाने का एलान किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 09:35 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 09:35 PM (IST)
Rajasthan: 27000 ग्राम पंचायत सहायक इस बार जयपुर में मनाएंगे काली दिवाली, ये हैं प्रमुख मांगे
कार्यालय पंचायत समिति पाली राजस्थान। फोटो जागरण

जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान के 27000 ग्राम पंचायत सहायक 25 अक्टुबर से संपूर्ण राजस्थान में कार्य का बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन आंदोलन को सफल बनाने और अपनी प्रमुख नियमितीकरण की मांग को पूरा करवाने के लिए जयपुर में एकत्रित होंगे। पंचायत सहायक14 वर्षों से राज्य सरकार से न्याय मांगने को प्रयासरत हैं, लेकिन दो विभागों में फंसे संविदा के इस पद की कोई सुनने वाला नहीं है। वर्तमान में प्रदेश में पंचायत सहायकों की कुल संख्या 27000 है। पिछले वर्ष 2008 से लगातार अपनी सेवाएं देने वाले वर्तमान में आयु पार हो चुके विद्यार्थी मित्र जो कभी विद्यार्थी मित्र शिक्षक हुआ करते थे, राजनीति के चलते वर्ष 2013 में उन्हें सेवा से पृथक कर दिया गया।

इनकी समस्याओं पर किसी ने नहीं दिया ध्यान

इसके पश्चात विद्यार्थी मित्रों को नियमित करने के लिए शिक्षा सहायक, विद्यालय सहायक भर्तियां निकाली गईं, लेकिन यह भर्ती राजनीति की भेंट चली गई। वर्ष 2017 में विद्यार्थी मित्रों को रोजगार देने के लिए ग्राम पंचायत सहायक भर्ती निकाली गई, जिसमें लगभग 90 फीसद विद्यार्थी मित्रों का चयन हो गया, लेकिन वर्तमान में उनकी हालत स्थिति जस की तस बनी हुई है। राज्य सरकार अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे करने जा रही है। वहीं, ग्राम पंचायत सहायक पिछले पांच वर्ष से मात्र 6600 मासिक मानदेय पर ही काम कर रहे हैं। अत्यधिक महंगाई के दौर में अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। जन घोषणा पत्र में कांग्रेस सरकार ने वादा किया था कि ग्राम पंचायत सहायकों की समस्याओं का यथोचित समाधान कर नियमित किया जाएगा, लेकिन वर्तमान में नियमित करना तो दूर इनकी होने वाली समस्याओं पर भी ध्यान नहीं दिया गया है।

इन कामों की है जिम्मेदारी

कहने को तो पंचायत सहायक पद ग्राम पंचायत के अधीन है, लेकिन पंचायत और शिक्षा विभाग के बीच पंचायत सहायक पेंडुलम बंद कर घूम रहा है। इससे पहले आठ वर्ष विद्यार्थी मित्र के रूप में अपना जीवन नियमित रोजगार की आस में व्यतीत कर चुके है। वर्तमान में ग्राम पंचायत सहायक प्रशासन गांवों के संग अभियान, कोविड वैक्सीनेशन, पंचायती राज विभाग में शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं नियमित रूप से 10 से 12 घंटे प्रतिदिन दे रहे हैं।

ये हैं प्रमुख मांगे

ग्राम पंचायत सहायक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण जसरापुर व प्रदेश संयोजक एडवोकेट रामजीत पटेल ने बताया आगामी 25 अक्टुबर से प्रदेश के 27000 ग्राम पंचायत सहायक अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए जयपुर में एकत्रित होंगे। प्रदेश के 27000 ग्राम पंचायत सहायक घोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुसार नियमितीकरण की अपनी प्रमुख मांग जो कि पिछले 14 वर्षों से चली आ रही है उसे पूरा किए जाने तक इस आंदोलन को जारी रखेंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। संविदा कमेटी की अब तक आठ मीटिंग हो चुकी है, लेकिन अभी तक सम्मानजनक मानदेय वृद्धि नहीं हुई है न ही जन घोषणा पत्र में किए गए वादे अनुसार नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।

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