नशे के खिलाफ मुहिम में अधिकारी व कर्मचारी भी डालेंगे योगदान : डीसी
तरनतारन प्रदेश सरकार द्वारा नशे के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को और मजबूत करने के लिए अधिकारी व कर्मचारी भी अपना सहयोग देंगे। यह जानकारी डीसी सभ्रवाल ने एक बैठक में दी।
संवाद सहयोगी, तरनतारन : प्रदेश सरकार द्वारा नशे के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को और मजबूत करने लिए राज्य के सभी सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से नशा पीड़ितों के इलाज में सहयोग लिया जाएगा, ताकि वे अपनी जिम्मेदारी सहित सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा सकें। यह जानकारी डीसी प्रदीप सभ्रवाल ने नशे के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का जायजा लेने लिए जिला मिशन टीम की बैठक में कही।
डीसी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को नशा विरोधी मुहिम में पहले ही डेपो वॉलंटियरों के तौर पर शामिल किया हुआ है। मगर, अब उनकी भूमिका को नया रूप देने लिए 'ईच वन, हेल्प वन' का नारा दिया गया है। इसके तहत प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को कम से कम एक नशा पीड़ित को नशामुक्त करवाने के लिए प्रेरित करने में सहयोग देना होगा और उससे लगातार तालमेल रखना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सरकारी अधिकारी व कर्मचारी को डेपो वालंटियर के तौर पर रजिस्टर्ड होना लाजमी होगा।
इसके अलावा 23 मार्च को प्रत्येक विधानसभा हलका स्तर से लेकर जिला हैड क्वार्टर पर भी नशे के खिलाफ एक जागरूकता समागम करवाया जाएगा। जिसमें जनतक नुमाइंदों, डेपो प्रतिनिधि, पंच-सरपंच व मीडिया को भी बुलाया जाएगा। इस दौरान नशे के खिलाफ शपथ भी दिलाई जाएगी। इसके अतिरिक्त जिले के स्कूलों में भी 23 मार्च को नशे के खिलाफ विद्यार्थियों को शपथ दिलाई जाएगी। डीसी ने जिले के ओट सेंटरों, नशा छुड़ाओ केंद्रों व पुनर्सेवा केंद्रों की प्रगति का जायजा लेते हुए हिदायतें दी कि सेहत विभाग के अधिकारी झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सरगर्मी से कार्रवाई करें। इस मौके पर एडीसी (जनरल) सुरिंदर सिंह, सिविल सर्जन डॉ. अनूप कुमार, एसपी हैडक्वार्टर बलजीत सिंह ढिल्लों, एसडीएम रजनीश अरोड़ा व राजेश शर्मा भी मौजूद थे।