पराली को मिलाओ मिट्टी में, खेत उगलेंगे सोना

संगरूर कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी द्वारा गांव खड़ियाल में धान की पराली के योग्य प्रबंधन के लिए किसान-साइंसदान गोष्टी का आय़ोजन किया गया। गोष्टी में खड़ियाल सहित आसपास के गांव तरंजी खेड़ा, मर्द खेड़ा, बिगड़वाल के 200 से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया। समागम दौरान सहायक निर्देशक (सिखलाई) डा. मनदीप ¨सह ने केंद्र द्वारा पराली के योग्य प्रबंधन के लिए की जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि धान की पराली को खेतों में ही संभालने के लिए सुपर एसएमएस वाली कंबाइन से धान कटवाने उपरांत हैपी सीडर मशीन से गेहूं की बिजाई बेहतर हो सकती है व पराली को आग लगाने की कोई जरूरत नहीं रहती।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 03:27 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 03:27 PM (IST)
पराली को मिलाओ मिट्टी में, खेत उगलेंगे सोना
पराली को मिलाओ मिट्टी में, खेत उगलेंगे सोना

जागरण संवाददाता, संगरूर :

कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी द्वारा गांव खड़ियाल में पराली के बेहतर प्रबंध के लिए किसान व विज्ञान गोष्ठी करवाई गई। इस मौके पर खड़ियाल सहित आसपास के गांव तरंजी खेड़ा, मर्द खेड़ा, बिगड़वाल के 200 से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया।

समारोह में सहायक निर्देशक (सिखलाई) डॉ. मनदीप ¨सह ने केंद्र द्वारा पराली के उचित प्रबंधन के लिए की जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि धान की पराली को खेतों में ही संभालने के लिए सुपर एसएमएस वाली कंबाइन से धान काटने के उपरांत हैपी सीडर मशीन से गेहूं की बिजाई बेहतर हो सकती है व पराली को आग लगाने की कोई जरूरत नहीं रहती। इसी प्रकार गेहूं बिजाई से वातावरण भी दूषित नहीं होता व जमीन मे जैविक व खुराक सुधार आता है। इस तकनीक से बिजी गई गेहूं में कीट कम पैदा होते हैं व की नाशक का खर्चा नहीं होता। गांव खड़ियाल को पराली न जलाने वाले गांव के तौर पर विकसित करने के लिए गोद लिया गया है। इस गोष्ठी में विशेष तौर पर शामिल ज्वाइंट सचिव खेतीबाड़ी राहुल गुप्ता ने किसानों से कहा कि खेतीबाड़ी विभाग द्वारा किसानों को 50 से 80 फीसद तक सब्सिडी पर खेती कृषि मशीनरी मुहैया करवाई जा रही है, ताकि धान की पराली की सही संभाल हो सके।

मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डॉ. बलदेव ¨सह ने किसानों को धान की पराली को जलाने की बजाए, खेतों में ही जोतकर जमीन को उपजाऊ बनाने की अपील की। फार्म सलाहकार सेवा केंद्र संगरूर के प्रमुख डॉ. बूटा ¨सह रोमाना कीटनाशकों, डॉ. सतबीर ¨सह ने पशु के लिए पराली के इस्तेमाल, डॉ. र¨वदर कौर ने पराली का मशरूम की खेती में उपयोग, डॉ. पवन कुमार ने धान व बासमती की बीमारियों संबंधी जानकारी दी। इस मौके पर निर्मल ¨सह लोंगोवाल, गु¨रदर ¨सह कनोई, हर¨वदर ¨सह भदलवड्ड ने किसानों को हैपीसीडर की मदद से गेहूं की बिजाई के लिए प्रोत्साहित किया। किसानों द्वारा मशीनरी संबंधी पेश किए गए सवालों के तुरंत जवाब दिए गए।

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