किसानों को बांटे विभिन्न किस्म के पौधे

कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) द्वारा पंजाब कृषि विश्व विद्यालय लुधियाना तथा आइसीएआर अटारी जोन वन के सहयोग से पौधारोपण अभियान का आगाज किया गया है। केवीके के डिप्टी डायरेक्टर डा. जीएस मक्कड़ के नेतृत्व में शुरू हुए इस अभियान में जिला रूपनगर के विभिन्न गांवों से 65 किसानों ने भीग लिया जिनमें कुछ महिला किसान भी शामिल हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Jul 2021 03:57 PM (IST) Updated:Sat, 17 Jul 2021 03:57 PM (IST)
किसानों को बांटे विभिन्न किस्म के पौधे
किसानों को बांटे विभिन्न किस्म के पौधे

संवाद सहयोगी, रूपनगर : कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) द्वारा पंजाब कृषि विश्व विद्यालय लुधियाना तथा आइसीएआर अटारी जोन वन के सहयोग से पौधारोपण अभियान का आगाज किया गया है। केवीके के डिप्टी डायरेक्टर डा. जीएस मक्कड़ के नेतृत्व में शुरू हुए इस अभियान में जिला रूपनगर के विभिन्न गांवों से 65 किसानों ने भीग लिया जिनमें कुछ महिला किसान भी शामिल हुई।

इस मौके पर डिप्टी डायरेक्टर डा. जीएस मक्कड़ ने बताया कि इस अभियान को चलाने का मुख्य उद्देश्य किसानों को वृक्षों की अहमियत तथा वातावरण की सुरक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण बारे जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि इसके साथ साथ जिले अंदर डंगल व फलदार वृक्षों वाले रकबे को बढ़ाते हुए जिले अंदर वन कृषि व बागबानी को प्रोत्साहित करना भी इस अभियान का बड़ा उद्देश्य है। मुख्य कृषि अफसर डा. अवतार सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि कुदरती स्त्रोतों को बचाना आज के समय की सबसे बड़ी मांग बन चुका है तथा कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना ही उत्तम विकल्प है। उन्होंने कहा कि वृक्ष केवल पर्यावरण संरक्षण में सहाई ही नहीं होते बल्कि आय का साधन भी बनते हैं। उन्होंने किसानों को वन खेती के लिए प्रोत्साहित भी किया। इस दौरान सहायक प्रोफेसर (एग्रोफोरेस्टरी) अंकुरदीप प्रीति ने वृक्षों की महत्ता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने वन कृषि के लिए किसानों को प्रोत्साहित करते हुए किस मिट्टी के लिए किस किस्म के वृक्षों का चयन किया जाए, इसके बारे जहां बताया वहीं पौधे रोपित करने की सही विधि भी समझाई।

सहायक प्रोफेसर (भूमि विज्ञान) डा. ओपिदर सिंह ने पंजाब अंदर पानी के गिरते स्तर को गंभीर समस्या बताते हुए यह समझाया कि रोजाना की जिदगी में पानी की बचत कैसे की जाए व पानी की संभाल के लिए क्या क्या उपाय कारगर हैं। इस मौके डा. अपर्णा सहित डा. पवन कुमार तथा डा. प्रिसी ने पशु पालन के साथ साथ पौध सुरक्षा तथा गृह विज्ञान की विभिन्न तकनीकों के बारे जानकारी प्रदान की। इस मौके केवीके परिसर में पौधारोपण का आगाज करते हुए उपस्थित किसानों को नीम, अर्जुन, ब्रमा ढेक, जामुन, टाहली, कड़ी पत्ता तथा अमरूद के पांच सौ पौधे वितरित करते हुए उन्हें सारे पौधे योग्य स्थलों पर रोपित करने के साथ साथ हर पौधे का वृक्ष रूप लेने तक पालन करने के लिए प्रेरित भी किया।

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