21 साल बाद भी शहीद के घर को नसीब नहीं हुआ पक्का रास्ता

कीरतपुर साहिब कारगिल शहीद हवलदार जसवंत सिंह डीपीएमपी 270 इंजीनियर रेजीमेंट गांव बरुवाल की 21वीं पुण्यतिथि उनके पैतृक गांव बरूवाल में मनाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 11:19 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 11:19 PM (IST)
21 साल बाद भी शहीद के घर को नसीब नहीं हुआ पक्का रास्ता
21 साल बाद भी शहीद के घर को नसीब नहीं हुआ पक्का रास्ता

संवाद सूत्र, कीरतपुर साहिब: कारगिल शहीद हवलदार जसवंत सिंह डीपीएमपी 270 इंजीनियर रेजीमेंट गांव बरुवाल की 21वीं पुण्यतिथि उनके पैतृक गांव बरूवाल में मनाई गई। इस मौके परिवारिक सदस्यों ने श्री अखंड पाठ साहिब जी के सहज पाठ करवाए, जिसकी संपूर्णता के उपरांत अरदास एवं शबद कीर्तन करवाया गया। इस दौरान शहीद की धर्मपत्नी कमलजीत कौर एवं भाई जसपाल सिंह ने कहा कि बेशक देश के बड़े-बड़े राजनेताओं द्वारा सैनिकों की शहादत पर बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं और उन्हें देश की धरोहर बताया जाता है, लेकिन कुछ ही दिनों बाद वादे निराधार साबित हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि 21 वर्ष पहले उन्होंने शहीद के घर को जाने वाले के पक्के रास्ते की मांग की थी, लेकिन आज तक पक्के रास्ते की उनकी मांग पूरी नहीं हो सकी है। शहीद के घर को जाने के लिए आज भी उन्हें अन्य लोगों के खेतों में से होकर गुजरना पड़ रहा है। इसके अलावा मुख्य सड़क से गांव को जाने वाले रास्ते पर शहीद की याद में लगाया गया स्मारक बोर्ड भी सड़क निर्माण कंपनी ने पांच वर्ष पहले गिरा दिया गया था। उसे आज तक दोबारा नहीं लगाया गया है और न ही तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजनेताओं द्वारा किए गए वादे के अनुसार गांव के स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखा गया है।

उन्होंने कहा कि शहीद जसवंत सिंह की 21 वीं बरसी के मौके कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या कोई राजनेता उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए नहीं पहुंचा है। इस दौरान शहीद जसवंत सिंह की पत्नी कमलजीत कौर, भाई जसपाल सिंह, बेटा संदीप सिंह, बेटी दलजीत कौर, बेटी मनजीत कौर, राजकुमारी, गुरदीप सिंह, सुखविदर सिंह, कैप्टन बहादुर सिंह बरवाल, प्रिसिपल रविदर सिंह मत्तेवाल, एडवोकेट बरिदर वीर सिंह व मनोज कुमार उपस्थित थे।

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