सवारी बिठाते हैं चंडीगढ़ सेक्टर 17 की , उतार देते हैं मोहाली के फेज छह में

रूपनगर: रूपनगर जिले अंदर कुछ प्राइवेट कंपनियों की बसों के चालक व परिचालक बसों में सफर करने वालों को झूठ बोल परेशान करने का गोरखधंधा चला रहे हैं, जिसके चलते परेशान लोगों में ऐसे बस ऑपरेटरों सहित रोडवेज के अधिकारियों की इस मामले में उदासीनता को लेकर रोष है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 31 Jul 2018 10:27 PM (IST) Updated:Tue, 31 Jul 2018 10:27 PM (IST)
सवारी बिठाते हैं चंडीगढ़ सेक्टर 17 की , उतार देते हैं मोहाली के फेज छह में
सवारी बिठाते हैं चंडीगढ़ सेक्टर 17 की , उतार देते हैं मोहाली के फेज छह में

अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: रूपनगर जिले अंदर कुछ प्राइवेट कंपनियों की बसों के चालक व परिचालक बसों में सफर करने वालों को झूठ बोल परेशान करने का गोरखधंधा चला रहे हैं, जिसके चलते परेशान लोगों में ऐसे बस ऑपरेटरों सहित रोडवेज के अधिकारियों की इस मामले में उदासीनता को लेकर रोष है। रूपनगर जिला हेडक्वार्टर सहित आनंदपुर साहिब व नंगल से बनकर चलने वाली तीन प्राइवेट कंपनियों की बसों के चालक व परिचालक बसों पर बोर्ड तो चंडीगढ़ का लगाए रहते हैं जबकि सरकार से मिले परमिट के अनुसार उन्हें जाना केवल मोहाली तक ही होता है। यही नहीं कुछ बसों को जाना लुधियाना या पटियाला होता है जबकि उन बसों के चालक व परिचालक बस में उस स्टेशन की सवारी भी बिठा लेते हैं जहां उनकी बस को जाना ही नहीं होता। ऐसे बस चालक व परिचालक बीच रास्ते में ही सवारी को अपना कमीशन काटने के बाद सही रूट वाली बस में बिठा देते हैं। ऐसा करने से दोनों बसों के परिचालकों का तो फायदा तो हो जाता है, लेकिन परेशानी सफर करने वालों को उठानी पड़ती है जिन्हें मजबूरी वश दूसरी बस में सीट न मिलने के कारण कई बार खड़े होकर जाना पड़ता है। सवारी के साथ सबसे अधिक धक्का मोहाली रूट पर चलने वाली बसों के चालकों व परिचालकों द्वारा किया जाता है। मोहाली तक जाने वाली ज्यादातर बसों पर या तो चंडीगढ़ का बोर्ड लगा रहता है अथवा परिचालक (कंडक्टर) हर स्टाफ पर आवाज चंडीगढ़ की लगाता रहता है, क्योंकि इस रूट पर रोडवेज की बसें कम चलती हैं इसलिए ज्यादातर लोग जानकारी के अभाव में प्राइवेट बसों के स्टाफ के झांसे में फंस जाते हैं जबकि मोहाली तक जाने वाली प्राइवेट बसों के चालक व परिचालक लोगों की मजबूरी का पूरा लाभ उठाते हुए चंडीगढ़ तक का किराया वसूल सवारी को बलोंगी बैरियर पर अथवा मोहाली के फेज छह में जाकर किसी थ्री व्हीलर वाले के पास भेज देते हैं, जबकि शेय¨रग वाले थ्री व्हीलर वाले भी ऐसी सवारियों को भेड़ बकरी की तहत लाद चंडीगढ़ छोड़ देते हैं।

गलत बोर्ड लगा सवारी को परेशान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए तथा अगर कार्रवाई नहीं होती तो उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो अधिकार होते हुए भी लापरवाह बना बैठा सवारी के साथ धक्का होने दे रहा है।

(सीनियर सिटीजन , रमेश गोयल)

इस मामले में उस बस कंपनी के मालिक की जवाबदेही भी तह होनी चाहिए जो बस ठेके पर देने के बाद मात्र ठेका वसूल करने तक सीमित होकर रह जाता है जबकि ठेके पर बस लेने वाले चालक व परिचालक लोगों का पूरा दिन झूठ बोल शोषण करने में लगे रहते हैं।

(सरपंच सतनाम ¨सह धमाना)

लोगों एवं सवारी के साथ झूठ बोल धोखा करने वाले बस चालकों व परिचालकों पर अगर नकेल न कसी गई तो इस मामले को अदालत में लेकर जाना मजबूरी हो जाएगा और अगर ऐसा हुआ तो चालक व परिचालक के साथ साथ संबंधित बस के मालिक को भी अदालत में खींचा जाएगा।

(एडवोकेट प्रेम कुमार उप्पल) क्या कहते हैं पंजाब रोडवेज रूपनगर के जीएम

इस बारे जब पंजाब रोजवेज रूपनगर के जीएम जगदीप ¨सह गलवटी से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बस ऑपरेटर वही बोर्ड लगा सकते हैं जिस रूट का उनके पास परमिट है। उन्होंने बताया कि यह मामला उनके नोटिस में पहले भी आया था जिसके बाद उन्होंने खुद चे¨कग करते हुए अनेक बसों में रखे गलत रूट वाले बोर्ड कब्जे में लिए थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में सारे अड्डा इंचार्जों को सख्त निर्देश दिए जाएंगे जबकि यह भी कहा कि वे केवल बस ऑपरेटरों को धोखा करने से रोक सकते हैं लेकिन कानूनी रूप से कार्रवाई करने का अधिकार आरटीए मोहाली के पास है।

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