चुनाव खर्च में चंदूमाजरा से दो लाख आगे निकले तिवारी

मनीष तिवारी का चुनाव खर्च 55 लाख के आसपास हुआ है जबकि चंदूमाजरा का प्रचार पर खर्च 53 लाख है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 May 2019 10:23 PM (IST) Updated:Tue, 21 May 2019 10:23 PM (IST)
चुनाव खर्च में चंदूमाजरा से दो लाख आगे निकले तिवारी
चुनाव खर्च में चंदूमाजरा से दो लाख आगे निकले तिवारी

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर

लोकसभा चुनाव की सियासी पिक्चर में बेशक कांग्रेस के प्रत्याशी मनीष तिवारी ने देर से एंट्री मारी, लेकिन पहले से मैदान में डटे शिअद -भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी प्रो.प्रेम सिंह चंदूमाजरा को प्रचार में खर्च करने को लेकर पीछे छोड़ दिया है। मनीष तिवारी का चुनाव खर्च 55 लाख के आसपास हुआ है, जबकि अकाली दल के प्रो.प्रेम सिंह चंदूमाजरा का प्रचार पर खर्च 53 लाख के आसपास है। अभी तक दोनों के खर्च का स्पष्ट आंकड़ा सामने नहीं आ पाया है, क्योंकि दोनों प्रत्याशियों के खर्च को लेकर खर्चा देखने वाली इनकी टीमें सहमत नहीं हैं और चुनाव आयोग की टीम द्वारा तय किए खर्चों पर एतराज जता रही हैं। जिला चुनाव अधिकारी और खर्चा ऑब्जर्वर ने दोबारा खर्च का आकलन करने के लिए संबंधित अधिकारियों को कहा है। इसमें कुछ दिन का समय लग सकता है। उधर, चुनाव आयोग मतगणना की तैयारियों में व्यस्त है। बता दें कि इन चुनावों में एक प्रत्याशी चुनाव प्रचार पर 70 लाख तक खर्च कर सकता था। कांग्रेस और अकाली दल के प्रत्याशियों का प्रचार खर्च स्पष्ट करने को लेकर अभी तक बैठकें हो रही हैं। दोनों पार्टियों के खर्चा देखने वाले नुमाइंदों के मुताबिक चुनाव आयोग की टीम रोड शो के दौरान उन गाड़ियों को भी काफिले में शामिल कर रही हैं , जिन पर पार्टी की झंडियां नहीं लगी थीं, जबकि पार्टियों के नुमाइंदों का कहना है कि जिन गाड़ियों पर झंडियां नहीं थीं, वो हमारे काफिले में शामिल नहीं थीं। इसी तरह कहीं अगर खाने का बंदोबस्त था, तो प्रति प्लेट खर्च को लेकर शेडो रजिस्टर और पार्टी के रजिस्टर एकमत नहीं हो रहे। दोनों ही पार्टियों के नुमाइंदे आयोग की टीम के तथ्य नहीं मान रहे। तीसरे नंबर पर बीर दविदर तीसरे नंबर पर चुनाव प्रचार के दौरान खर्च में पीडीए के उम्मीदवार सोढ़ी विक्रम सिंह रहे हैं। बसपा के चुनाव निशान पर लड़ रहे सोढ़ी करोड़पति उम्मीदवार हैं। उनकी खुद की संपति 137 करोड़ से ज्यादा है, लेकिन प्रचार पर सोढ़ी ने 21 लाख 23 हजार खर्च किए हैं। वो खर्च में आप और अकाली दल टकसाली से आगे हैं। शिअद टकसाली के बीर दविदर खर्च में तीसरे और आप पार्टी के नरिदर शेरगिल खर्च में पांचवें स्थान पर हैं। इस बार कामरेड भी खर्च करने में पीछे नहीं है। सीपीआइएम के रघुनाथ सिंह ने 10 लाख 91 हजार रुपए प्रचार पर खर्च किए हैं। क्षेत्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों का खर्च का ब्योरा उम्मीदवार पार्टी खर्च

सोढ़ी विक्रम सिंह पीडीए 21,23,745

बीर दविदर सिंह शिअद (टकसाली) 17,6,616

नरिदर शेरगिल आप 16,31,943

रघुनाथ सिंह सीपीआइएम 10,91,362

जोध सिंह भारतीय लोक सेवा दल 2,57058

फकीर चंद शिवसेना 3,96,046

सुरिदर कौर मांगट राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी 2,11,865

कंवलजीत सिंह हिद काग्रेस 1,97,535

सुखदीप कौर जनरल समाज पार्टी 1,26,588

अश्वनी कुमार हिदुस्तान शक्ति सेना 63,975

कुलविदर कौर आंबेडकराइट पार्टी इंडिया 77,012

हरमेश कुमार जय जवान जय किसान 52,600

गुरविदर सिंह पीपुल्स पार्टी इंडिया 52,541

भार्गव रेड्डी पिरामिड पार्टी इंडिया 35049

विक्रम सिंह ने खर्चे 46 हजार रुपये

इस बार लोकसभा चुनाव में दस प्रत्याशी आजाद खड़े थे, लेकिन इनमें से अधिकतर प्रचार में कहीं दिखाई नहीं दिए। इन्होंने पोस्टर व बैनर पर ही ज्यादा खर्च किया। या फिर कुछ ने गाड़ियों पर। आजाद प्रत्याशियों में खर्च करने वाले परमजीत सिंह राणू ने सबसे ज्यादा तीन लाख 63 हजार रुपये का खर्च प्रचार पर किया। जबकि सबसे कम खर्च विक्रम सिंह ने 46 हजार रुपये किया है। आजाद प्रत्याशियों का खर्च

नाम खर्च

परमजीत सिंह राणू 3,63,127

अवतार सिंह पुत्र तेलू राम 2,62,984

मनमोहन सिंह 2,21,744

अशीष गर्ग 1,21,850

सुनैना 89,485

जगनीत सिंह 88,138

चरण दास 83900

किरपाल कौर 61780

विक्रम सिंह 46,835 इन्होंने नहीं खोला खाता आजाद प्रत्याशी राकेश कुमार ने चुनाव लड़ने की फीस ही जमा करवाई। उसके बाद कोई खर्च नहीं किया। राकेश कुमार ने 25,000 चुनाव फीस जमा करवाई थी। फिर प्रचार में कोई खर्च नहीं किया।

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