तीन साल से नहीं जलाई पराली, खेतों में ही मिलाई
कृषि विभाग के किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करने के प्रयास रंग लाने लगे हैं।
संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब: कृषि विभाग के किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करने के प्रयास रंग लाने लगे हैं। बहुत से किसानों ने वातावरण और पानी और पराली की संभाल के प्रयास किए हैं। इनमें ब्लाक आनंदपुर साहिब का एक किसान राम कुमार है, जोकि धान की पराली की संभाल के लिए किसानों को जागरूक करता है। उसके पास कुल 21 एकड़ जमीन है। वह इसमें से 16 एकड़ में धान की खेती करता है। वह पिछले तीन सालों से धान की पराली को बिना आग लगाए कृषि माहिरों की सलाह के साथ आधुनिक ढंग के साथ खेती कर रहा है। किसान ने बताया कि इस साल उसने धान की कटाई एसएमएस लगी मशीन के साथ की। वह पापुलर की खेती भी कर रहा है। उसने डेयरी फार्मिंग का धंधा भी अपनाया हुआ है। उसने कहा कि पराली और इसके अवशेषों को खेतों में मिलाने से घास पत्तों की समस्या भी कम हो गई है और खाद का इस्तेमाल भी पहले के मुकाबले कम होता है। इससे खर्चा घटा है और लाभ बढ़ा है। मुख्य कृषि अफसर डा. अवतार सिंह ने बताया कि ऐसे किसान इलाके के अन्य किसानों के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं, जिन्होंने समय के साथी बनकर माहिरों की राय को अपनाते हुए अपनी कृषि को प्रफुल्लित किया है। इस इलाके के किसानों ने जहां वातावरण और पानी की संभाल के लिए विशेष कार्य किए हैं, वहीं अनाज मंडियों में फसल लेकर जाने के समय या कृषि के पेशे को कोविड की रोकथाम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सावधानियों को अपनाया है।