औरों को नसीहत, पर खुद मियां फजीहत

जिले में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 10:45 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 10:45 PM (IST)
औरों को नसीहत, पर खुद मियां फजीहत
औरों को नसीहत, पर खुद मियां फजीहत

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर: जिले में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। हर कोई बड़े मकान और बड़े आफिस सहित कमर्शियल इमारतें तो बना रहा है, लेकिन बरसाती पानी को सहेजने के लिए प्रयास कुछ नहीं हो रहे हैं। हालात ये हैं कि सरकारी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम नहीं लगवाए जा रहे, जबकि सरकार आम लोगों को इसके लिए जागरूकता अभियान चला रही है। जिला सदर मुकाम पर बना सिविल अस्पताल कई दशकों पहले बना है। ग्रेटर पंजाब विभाजन से भी पहले से बने इस अस्पताल में आज तक रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लागू करने की योजना अमल में नहीं लाई जा सकी। सिविल अस्पताल साढ़े पांच एकड़ में बना हुआ है। इसमें कवर एरिया आधे से ज्यादा जमीन में है। अस्पताल में सिविल सर्जन दफ्तर, डीएमसी आफिस, एसएमओ आफिस, टीबी सेंटर, एचआइवी सेंटर, जच्चा बच्चा वार्ड, आपरेशन थियेटर, इमरजेंसी वार्ड, मेडिकल व सर्जिकल वार्ड के अलावा गैलरियां व कैंटीन आदि कवर हैं। इसके तहत 70 फीसद इलाका कवर है। हर साल एक करोड़ लीटर पानी बेकार सिविल अस्पताल के चार एकड़ कवर एरिया में एक साल में होने वाली बारिश व नलकों से करीब एक करोड़ लीटर पानी बेकार बहता है। अगर पूरे सिविल अस्पताल कांप्लेक्स में रेन वाटर हार्वेस्टिग प्रोजेक्ट लागू किया जाए, तो हर साल इस पानी को सीधे जमीन के गर्भ में उतारा जा सकता है। जिले में जो सरकारी इमारतें हैं, उनको लेकर संबंधित विभागों से जानकारी मांगी जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि ज्यादा से ज्यादा इमारतों में रेन वाटर हारवेस्टिग व्यवस्था लागू की जाए, ताकि बेकार बहने वाले पानी को बचाया जा सके।

सोनाली गिरी, डीसी, रूपनगर।

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