धू-धू कर जले रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले

फोटो 3 एनजीएल 28, 29, 30 व 32 में है। जागरण संवाददाता, नंगल सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक हिन्

By Edited By: Publish:Sat, 04 Oct 2014 02:03 AM (IST) Updated:Sat, 04 Oct 2014 02:03 AM (IST)
धू-धू कर जले रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले

फोटो 3 एनजीएल 28, 29, 30 व 32 में है।

जागरण संवाददाता, नंगल

सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक हिन्दू संस्कृति का पर्व विजय दशमी हर्षोल्लास से सम्पन्न हो गया। दशहरा के दिन यहां दिन के समय ड्रामेटिक क्लबों की ओर से जगह-जगह श्रीराम लीलाओं के मंचन करके प्रभु श्रीराम व रावण की सेना के मध्य हुए घमासान युद्ध के प्रसंगों का आकर्षक मंचन किया गया। इन मंचनों को देखने के लिए जगह-जगह उमड़े लोगों के सैलाब का उत्साह देखते ही बनता था। इस दौरान श्री सनातन धर्म ड्रामेटिक क्लब की ओर से लड़कों के सरकारी सीसे. स्कूल में रावण, मेघनाद व कुम्भकर्ण के पुतलों को जलाने से पूर्व शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें शामिल प्रभु श्रीराम, पवन पुत्र हनुमान व रावण की सेना के युद्ध पर निकलने के प्रसंग पर आधारित निकाली गई झांकियों ने समूचे वातावरण को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने सूर्यअस्त होते ही रावण व उसकी सेना का वध करके असत्य पर सत्य की जीत के संदेश को मानवता के समक्ष प्रस्तुत किया।

कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच थाना प्रभारी सतीश कुमार के नेतृत्व में चारों तरफ पुलिस बल तैनात थे। पुतलों के दहन समय मौजूद श्री सनातन धर्मसभा के अध्यक्ष रमेश गुलाटी, संदीप शर्मा, भाखड़ा मजदूर संघ के प्रतिनिधि नरेंद्र प्रभाकर, गणपत राय, सुनील सोबती, खड़ग सिंह, महेंद्र राणा, शाम लाल, हेमराज, हरनेक कालिया, विपिन शर्मा, ललित मोहन, मुनीष शर्मा, सुशील गोयल, महेश कालिया, सुरेंद्र राणा, रमन जसवाल, मदन गोपाल शर्मा, राकेश शर्मा, वीरेंद्र वालिया, ललित चौधरी, रमन शर्मा, अविनाश शर्मा, चंद्र मोहन शर्मा, शरद मलिक, श्रीनिवास मैहता, जगमोहन शर्मा, महेंद्र राणा, आदि सहित हजारों लोगों ने दशहरा मैदान में जलते पुतलों को देख कर प्रभु श्री राम के जयघोष लगाए। दूसरी तरफ करीबी गांव मैदा माजरा स्थित रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले जला कर दशहरा मनाया गया।

---पुतलों की लकड़ियां उठाने की लगी होड़---

नंगल: पुतलों के जलते ही लोग टूट पड़े जले पुतलों की जलती लकड़ियां उठाने के लिए। पुरानी मान्यता के अनुसार पुतलों की लकड़ी घर में रखने पर चोरी, जादू टोना का असर न होने को लेकर सैकड़ों लोग जलती लकड़ियां घर ले जाने के लिए एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में रहे।

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