थर्ड डिग्री से अपाहिज हुआ फिर अस्पताल में भर्ती, इलाज के पैसे न मिलने पर सुसाइड का एलान

एटीएम में कैश डालने वाली टीम द्वारा कैश गबन व लूट के केस में गिरफ्तार धर्मपाल सिंह वासी त्रिपड़ी आनंद नगर को तबीयत बिगड़ने पर तीसरी बार अस्पताल में दाखिल करवाया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Oct 2019 11:34 PM (IST) Updated:Wed, 02 Oct 2019 06:25 AM (IST)
थर्ड डिग्री से अपाहिज हुआ फिर अस्पताल में भर्ती, इलाज के पैसे न मिलने पर सुसाइड का एलान
थर्ड डिग्री से अपाहिज हुआ फिर अस्पताल में भर्ती, इलाज के पैसे न मिलने पर सुसाइड का एलान

जागरण संवाददाता, पटियाला : एटीएम में कैश डालने वाली टीम द्वारा कैश गबन व लूट के केस में गिरफ्तार धर्मपाल सिंह वासी त्रिपड़ी आनंद नगर को तबीयत बिगड़ने पर तीसरी बार अस्पताल में दाखिल करवाया। सूलर गांव स्थित एक अस्पताल में दाखिल धर्मपाल के कुल्हे के जोड़ का आपरेशन किया जाना है, लेकिन परिवार के पास इलाज के लिए पैसे नहीं है। धर्मपाल ने कहा कि पीएम ऑफिस से मुआवजा संबंधी लेटर जारी होने के बाद भी पुलिस ने कोई मदद नहीं की। घर के आर्थिक हालात खराब हो गए हैं और पिता की अधिक उम्र होने की वजह से कहीं पर जा नहीं सकते हैं। ऐसे में अस्पताल के खर्चे के कारण बच्चों की पढ़ाई छूट गई है। धर्मपाल ने कहा कि यदि पुलिस प्रशासन ने इंसाफ नहीं दिया तो उसके पास परिवार सहित खुदकुशी करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। मार्च में महिदरा कॉलेज के नजदीक समानिया गेट में एक एटीएम टूटा हुआ पाया गया था। जांच के बाद दो नंबर डिवीजन व कोतवाली पुलिस ने खुलासा किया था कि एटीएम में कैश डालने वाले स्टाफ के पांच लोगों ने कैश गायब किया था। एटीएम बंद करने के फैसले के बाद खुद को फंसता देख आरोपितों ने लूट की कहानी बना गुमराह करने की कोशिश की। बाद में पांच आरोपित गिरफ्तार किए थे, जिनमें धर्मपाल शामिल था। धर्मपाल के अनुसार गड़बड़ी का पहले ही पता चलते सीनियर अधिकारियों को मौखिक रूप से कंप्लेंट की थी जिस पर कोई एक्शन नहीं लिया। एक दिन उसे सिविल लाइन थाने में बुलाकर सीआइए स्टाफ ले गया, जहां पर जुर्म कबूल करवाने के लिए थर्ड डिग्री दी। इसी टार्चर के कारण कुल्हे की हड्डी टूट गई और 26 मार्च को राजिदरा अस्पताल में दाखिल करवाया। अदालत में पेश करने के समय भी गाड़ी में ही बैठाकर रखते थे। डेढ़ महीने के बाद जमानत मिली तो आइजी व पीएम ऑफिस को लेटर लिखा था। पीएम ऑफिस से अगस्त में मुआवजे संबंधी लेटर जारी हुआ, जिसकी कॉपी भी आई थी।

एसपी (डी) को सौंपी मामले की जांच

एसएसपी मंदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि इस मामले की जांच का जिम्मा एसपी (डी) को सौंपा गया है। कानून के अनुसार जो भी बनती कार्रवाई होगी, वह करेंगे।

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