यूनिवर्सिटी के दो हजार कर्मचारियों का बंद होगा सेक्रेट्रिएट भत्ता

पंजाबी यूनिवर्सिटी अब मुलाजिमों को मिलने वाला सेक्रेट्रिएट भत्ता बंद करने की तैयारी में है। राज्य सरकार ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को निर्देश जारी किया है कि वह तुरंत यह भत्ता बंद करने के लिए कदम उठाए। इससे पहले भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को पत्र जारी किया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jan 2020 12:30 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jan 2020 12:30 AM (IST)
यूनिवर्सिटी के दो हजार कर्मचारियों का बंद होगा सेक्रेट्रिएट भत्ता
यूनिवर्सिटी के दो हजार कर्मचारियों का बंद होगा सेक्रेट्रिएट भत्ता

बलविदरपाल सिंह, पटियाला:

पंजाबी यूनिवर्सिटी अब मुलाजिमों को मिलने वाला सेक्रेट्रिएट भत्ता बंद करने की तैयारी में है। राज्य सरकार ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को निर्देश जारी किया है कि वह तुरंत यह भत्ता बंद करने के लिए कदम उठाए। इससे पहले भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को पत्र जारी किया गया था।

दूसरी ओर सरकार के इस पत्र को लेकर यूनिवर्सिटी मुलाजिमों में रोष है। उनका कहना है कि अगर इस भत्ते को बंद किया जाता है तो मुलाजिमों के वेतन में काफी फर्क पड़ेगा।

करीब दो हजार मुलाजिमों का कम होगा वेतन

पंजाबी यूनिवर्सिटी में करीब दो हजार ऐसे मुलाजिम है, जिन्हें यह सेक्रेट्रिएट भत्ता मिलता है। यह भत्ता मुलाजिम के पद के अनुसार दिया जाता है। यहां सबसे ज्यादा भत्ता डीआर का 2500 रुपये बताया जा रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सरकार के पत्र को अगली प्रक्रिया में डाल दिया है। इस पत्र को सिडीकेट की मीटिग में पेश किया जाना है। सिडीकेट मेंबर फैसला लेंगे कि यह भत्ता बंद करना है या नहीं। माना जा रहा है कि गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी ने मुलाजिमों का यह भत्ता बंद करने से इन्कार कर दिया है। इसके तहत यूनिवर्सिटी भी सरकार के इस पत्र पर सोच विचार करने पर लगी हुई है।

भत्ता बंद न करने पर यूनिवर्सिटी की ग्रांट हो सकती है कम

बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा भेजी गई पत्र में सरकार ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर यह भत्ता बंद करने संबंधी तुरंत कदम नहीं उठाया गया तो यूनिवर्सिटी को मिलने वाली ग्रांट को कम कर दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि अगर यह भत्ता बंद होता है तो यूनिवर्सिटी को चार करोड़ रुपये का फायदा होता है।

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मुलाजिमों का सेक्रेट्रिएट भत्ता बंद करने के बारे में सरकार ने पत्र भेजा है। इसे अगली प्रक्रिया में डाल दिया गया है। पत्र को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिग होगी। इसके बाद ही अगला फैसला लिया जा सकेगा। पहले यह भत्ता सेक्रेट्रिएट के मुलाजिमों को मिलता था। पिछले समय में पंजाबी यूनिवर्सिटी ने भी यह सिस्टम अपना लिया था। सरकार के पत्र को लेकर अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।

..डॉ.मनजीत सिंह निझर, रजिस्ट्रार

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