प्राइमरी और मिडल स्कूलों को बंद करने के विरोध में अध्यापक ने अर्थी फूंक प्रदर्शन किया

सांझा अध्यापक मोर्चा ने सोमवार को जिला शिक्षा अफसर दफ्तर के बाहर पंजाब सरकार खिलाफ पुतला फूंक प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 07:50 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 07:50 PM (IST)
प्राइमरी और मिडल स्कूलों को बंद करने के विरोध में अध्यापक ने अर्थी फूंक प्रदर्शन किया
प्राइमरी और मिडल स्कूलों को बंद करने के विरोध में अध्यापक ने अर्थी फूंक प्रदर्शन किया

जागरण संवाददाता, पटियाला : सांझा अध्यापक मोर्चा ने सोमवार को जिला शिक्षा अफसर दफ्तर के बाहर पंजाब सरकार खिलाफ पुतला फूंक प्रदर्शन किया। इस दौरान मोर्चा ने प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को बंद करके केंद्र सरकार की निजीकरण समर्थक नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने का विरोध किया। इस दौरान अध्यापक नेताओं विक्रम देव सिंह,रणजीत मान, गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में किए इस प्रदर्शन दौरान अध्यापकों ने प्राइमरी अध्यापकों की बदलियों को पिछले ढाई महीनों से लागू न करने, प्राइमरी हेड टीचर्स के खत्म किए गए पदों को बहाल न करने और शिक्षा मंत्री की तरफ से मीटिग का समय देकर मीटिग न करने का विरोध किया गया।

प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों ने शिक्षा सचिव की तरफ से अध्यापकों पर दाखिले के लिए अनावश्यक दबाव बनाकर दर-दर भटकने के लिए मजबूर करने के चलते कोरोना और अन्य बीमारियों का शिकार होकर जान गंवाने वाले अध्यापकों पर गहरा दुख प्रकट करते हुए अध्यापकों को कोरोना योद्धा घोषित करने, 50 लाख का सेहत बीमा, 50 प्रतिशत स्टाफ हाजिरी सभी स्कूलों पर लागू करने और प्रसोनल विभाग की हिदायतों अनुसार 17 से 30 दिन की तनख्वाह सहित एकांतवास छुट्टी शिक्षा विभाग में भी लागू करने की मांग की गई।

मोर्चे के नेताओं परमजीत सिंह, गगन राणू, कुलदीप पटियालवी ने संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से प्राइमरी, मिडिल, सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी स्कूलों के सिस्टम को मजबूत करने के बजाय निजीकरण समर्थक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को बंद करके कार्पोरेट माडल खड़ा किया जा रहा है। प्राइमरी शिक्षा तंत्र को खत्म करने के अंतर्गत शिक्षा सचिव की तरफ से प्री -प्राइमरी और प्राइमरी क्लासों के बच्चों का दाखिला सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में करने के आदेश जारी करके प्राइमरी डायरेक्टोरेट का अलग अस्तित्व, तरक्कियां और नई भर्ती पर बड़ा प्रश्न निशान लगा दिया है। मिडिल स्कूलों में पहले सीएंडवी के पद खत्म किए, फिर 228 पीटीआइ को जबरन स्कूलों में से बाहर शिफ्ट किया और अब बाकी पोस्टें भी सीनियर सेकंडरी में शिफ्ट कर दीं हैं। हाई स्कूलों के प्रबंध को भी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों अधीन किया जा रहा है। दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में मुलाजिमों के हकों का हनन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिसके अंतर्गत स्कूलों में खाली हजारों असामियों के लिए भर्ती नहीं की, समूह कच्चे अध्यापकों व नान टीचिग को पक्का नहीं किया, हजारों अध्यापकों की तनख्वाह कटौती को दिए भरोसे अनुसार रिव्यू नहीं किया, सोसाइटी अधीन रेगुलर कंप्यूटर अध्यापकों को विभाग में शिफ्ट नहीं किया, छठे पंजाब वेतन आयोग के द्वारा अध्यापकों को वेतन बढ़ोतरी देने की जगह साल 2011 में बढ़े वेतन ग्रेडों में कटौती करने की सिफारिश करवाई और पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने समेत अन्य मुलाजिम मांगें भी पूरी नहीं की। सांझे अध्यापक मोर्चे ने अध्यापकों को एक जून को शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला के चुनाव हलके संगरूर में सूबा स्तरीय रोष रैली में बड़ी संख्या में हिस्सा बनने की अपील की। इस मौके मनोज घई समेत जगपाल चहल, हिम्मत सिंह, लखवीर घनौर, राजिदर जवंधा, निर्भय सिंह, हरप्रीत सिंह, मनप्रीत सिंह आदि अध्यापक भी मौजूद थे।

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