एफसीआइ की शर्तो के मुताबिक चावल तैयार करना असंभव

फूड निगम आफ इंडिया (एफसीआइ) द्वारा पंजाब के मामलों में अपनाई नीतियों ने सूबे के राइस मिलर्स का भविष्य खराब कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 08:10 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 08:11 PM (IST)
एफसीआइ की शर्तो के मुताबिक चावल तैयार करना असंभव
एफसीआइ की शर्तो के मुताबिक चावल तैयार करना असंभव

जागरण संवाददाता, पटियाला : फूड निगम आफ इंडिया (एफसीआइ) द्वारा पंजाब के मामलों में अपनाई नीतियों ने सूबे के राइस मिलर्स का भविष्य खराब कर दिया है और सही नेतृत्व न होने से कोई सुनवाई भी नहीं हो रही। ये बातें पटियाला मीडिया क्लब में प्रेस कांफ्रेंस में राइस मिलर्स एसोसिएशन संगरूर के प्रधान प्रमोद मोदी, दिनेश गोयल, रविदर गोयल, ईश्वर सिगला, दिनेश शर्मा और परमजीत शर्मा ने साझे तौर पर कहीं।

उन्होंने बताया कि एफसीआइ की जो शर्ते हैं उसके मुताबिक शैलरों में सही चावल तैयार करना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि डी हस्क के मामलो में चावल से राइस ब्रान उतारने की प्रक्रिया की शर्त दुनिया में कहीं भी लागू नहीं, वह एफसीआइ में है। उन्होंने बताया कि जैसे पालिश रिमूव करने की जो विधि देश विदेश में चावलों की निर्यात के लिए इस्तेमाल की जाती है, एफसीआइ ने वे तरीका छोड़कर बहुत ही विचित्र तरीका अपनाती है। उन्होंने मांग की कि पालिश डिग्री मीटर लागू किया जाए।

इसी तरीके चावल में टुकड़ों की मात्रा 25 प्रतिशत है, जिसमें एफसीआइ ने स्माल ब्रोकन की मात्रा एक प्रतिशत की हुई है, जबकि दुनिया की कोई भी मिल किसी भी पैडी की वेरायटी तीन से चार प्रतिशत से कम नहीं बना सकती। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि एफसीआइ के मामलों में कोई सुनवाई नहीं होती और यदि कोई मिलर शिकायत करता है तो उल्टा उसको धमकाया जाता है।

बारदाने की बात करते हुए नेताओं ने बताया कि पंजाब में बारदाने का रेट 22 रुपये प्रति थैला है जबकि दूसरे राज्यों में यह रेट कहीं ज्यादा है और इन हालातों के कारण इस दर पर यह बारदाना उपलब्ध नहीं हो सकता। पंजाब में राइस शैलर एसोसिएशन के नेतृत्व की बात करते हुए नेताओं ने कहा कि पंजाब राइस शैलर एसोसिएशन एक रजिस्टर्ड बाडी है। जिसमें किसी को भी आगे आकर योग्य नेतृत्व करने का हक है, परंतु यहां चार-चार प्रधान बन गए हैं और इसलिए राइस शैलर मालिकों की कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने अपील की कि सभी जत्थेबंदियां एक मंच पर एकत्रित हों ताकि राइस शैलर मालिकों के मसले हल करवाए जा सकें।

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