PU Patiala Grant Scam: यूजीसी ग्रांट में हुए घपले में पीयू के दो मुलाजिमों समेत सात नामजद

पटियाला के एफ-टू जिम अर्बन एस्टेट फेज-2 में बतौर ट्रेनर विनय कुमार ने बताया कि निशु चौधरी साल 2019 से लगातार जिम में ट्रेनिंग के लिए आ रहा था। जिससे वह 15 हजार रुपये प्रति महीना लेता था।

By Edited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:00 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 08:00 AM (IST)
PU Patiala Grant Scam: यूजीसी ग्रांट में हुए घपले में पीयू के दो मुलाजिमों समेत सात नामजद
पंजाबी यूनिवर्सिटी में यूजीसी की ग्रांट में हुए घपले में दो मुलाजिमों समेत सात नामजद। (फाइल फाेटाे)

जागरण संवाददाता, पटियाला। PU Patiala Grant News: पंजाबी यूनिवर्सिटी में यूजीसी की ग्रांट में हुए घपले के मामले में थाना अर्बन एस्टेट की पुलिस ने सोमवार को सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इन आरोपितों में निशु चौधरी, जतिंदर सिंह, आकाशदीप सिंह, सोनू कुमार, हरप्रीत सिंह, विनय व निशा शर्मा शामिल किए गए है। जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी द्वारा निशु चौधरी व रमिंदर कौर को सस्पेंड किया जा चुका है। इसके अलावा एडहाक पर काम करने वाले कर्मचारी को नौकरी से निकाला जा चुका है। फिलहाल सभी आरोपित फरार हैं।

थाना अर्बन एस्टेट की पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि इन लोगों ने फर्जी बिल तैयार करके और उन पर फर्जी हस्ताक्षर के अलावा सरकारी रिकार्ड से छेड़छाड़ करके यूनिवर्सिटी से लाखों रुपये की ठगी की है। रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि जतिंदर सिंह नामक व्यक्ति द्वारा बिलों पर हस्ताक्षर किए गए। डीपीएम दफ्तर में काम करने वाले सेवादार जतिंदर के दर्ज बयान के अनुसार उसके खाते में तीन बार 65 हजार रुपये आए।

वहीं दूसरी ओर एफ-टू जिम अर्बन एस्टेट फेज 2 में बतौर ट्रेनर विनय कुमार ने बताया कि निशु चौधरी साल 2019 से लगातार जिम में ट्रेनिंग के लिए आ रहा था। जिससे वह 15 हजार रुपये प्रति महीना लेता था। उसने बताया कि निशु ने उसे कहा कि उसके सेब के बाग हैं और उसकी पेमेंट आनी हैं। जिसके तहत तीन-चार बार उसके खाते में पेमेंट डलवाई, जोकि करीब 47 लाख रुपये बनती है।

विनय ने बताया कि निशु इतने पैसे कहां से लेकर आया, इसके बारे में उसे जानकारी नहीं है। पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर में बताया कि यूनिवर्सिटी द्वारा मामले की पड़ताल को जो कमेटी बनाई गई थी, उसके समक्ष रमिंदर कौर व विनय कुमार ने पेश होकर अपना पक्ष रखा। इसके अलावा विरोधी पक्ष का कोई भी व्यक्ति कमेटी के आगे पेश नहीं हुआ।

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