बैटरी चार्जिंग की समस्या ने रोका ट्रैफिक पुलिस का बॉडी कैमरा

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान बॉडी कैमरे की निगरानी में काटने काम पिछले कई दिनों से ट्रैफिक पुलिस ने बंद कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 May 2018 08:39 PM (IST) Updated:Tue, 22 May 2018 08:39 PM (IST)
बैटरी चार्जिंग की समस्या ने रोका ट्रैफिक पुलिस का बॉडी कैमरा
बैटरी चार्जिंग की समस्या ने रोका ट्रैफिक पुलिस का बॉडी कैमरा

प्रेम वर्मा, पटियाला

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान बॉडी कैमरे की निगरानी में काटने का काम पिछले कई दिनों से ट्रैफिक पुलिस ने बंद कर दिया है। वजह यह है कि कैमरों की बैटरी को सही समय पर चार्ज नहीं किया जा रहा है। शाम के समय अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद घर लौटने की जल्दबाजी के चलते कैमरों को चार्ज करने का जिम्मा मुंशी पर छोड़ दिया जाता था। आफिस कार्य में बिजी होने के चलते बैटरियों को सही समय चार्ज करने का काम नहीं हो पाया तो मुलाजिमों ने इसका इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया है। इन कैमरों को इंस्टाल करते समय अधिकारियों ने दावा किया था कि एक बार बैटरी पूरी तरह से चार्ज करने पर 10 से लेकर 14 घंटे तक कैमरे चालू रहेंगे। बैटरी चार्ज न होने पर यह हालात बने हुए हैं। मंगलवार को भी इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सका। जिला ट्रैफिक पुलिस हेडक्वार्टर में चार कैमरे हैं, लेकिन इनमें से एक भी कैमरे की बैटरी चार्ज नहीं होने के वजह इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। वहीं सूत्र बताते हैं कि इन कैमरों की बैटरी को जानबूझ चार्ज नहीं किया जा रहा है ताकि फील्ड में मुलाजिम अपनी मनमानी कर सकें।

टेक्निकल जानकारी न होने पर भी मुलाजिम लाचार

एक तरफ जहां जानबूझ कर कैमरों का इस्तेमाल न करने के लिए बैटरी को समय पर चार्ज न करने के चर्चा हैं, वहीं दूसरी तरफ एक सच यह भी कि मुलाजिमों के पास इन कैमरों की मेंटीनेंस को लेकर टेक्निकल जानकारी नहीं है। इन कैमरे की वीडियो रिंग की क्षमता 16 जीबी तक है, जो फिलहाल कैमरे की अंदरूनी स्टोरेज क्षमता है। कुछ दिन के इस्तेमाल के बाद अलग से मेमोरी कार्ड डालने का प्लान था। अभी हालात यह हैं कि कैमरे की मेमोरी फुल होने के बाद इन्हें डिलीट करने व जरूरत वाली रिकॉर्डिंग को से¨वग करने के लिए कोई विकल्प नहीं है। मेमोरी की स्टोरेज डिलीट करने व रिकॉर्डिग को सेव करने की टेक्निकल जानकारी ट्रैफिक मुलाजिमों के पास नहीं है।

यह मकसद है कैमरे के इस्तेमाल का

1. निजी कामों को लेकर अक्सर गायब होने वाले अब ड्यूटी के दौरान अपनी जगह छोड़ नहीं सकें

2. एएसआइ के साथ तैनात मुलाजिमों की कार्यशैली व पब्लिक डी¨लग का व्यवहार कैमरे में रिकार्ड करना

3. ट्रैफिक पुलिस पर रिश्वत मांगने व पब्लिक के साथ गलत बिहेव की कंप्लेंट पर लगानी है लगाम

4. नाइट ड्यूटी बेहतर बनाने के लिए आठ मेगा पिक्सल वाले इन कैमरों में रात की वीडियो भी साफ कैप्चर करने की क्षमता

कोट्स

बैटरियां चार्ज होने से रह गई थी, लेकिन अब सही समय पर चार्ज हो पाएंगे। कई बार धरने व प्रदर्शन के दौरान मुलाजिमों को बॉडी कैमरे लगाकर भेज दिया जाता है, ताकि वहां पर किसी भी तरह की गड़बड़ी को रिकॉर्ड कर सकें। ऐसे में चौक पर मुलाजिमों को कैमरे लगा पाना संभव नहीं होता है, क्योंकि महकमे के पास सीमित चार कैमरे ही हैं।

करनैल सिंह, जिला ट्रैफिक इंचार्ज

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