पटियाला: जेठानी-देवरानी के खेत में हो रही ऑर्गेनिक सब्जी और फलों की पैदावार, अपना मार्ट खोलकर कर रहीं कारोबार

रिश्ते में जेठानी व देवरानी कुलविंदर कौर बलविंदर कौर और मंदीप कौर ने ठेके पर एक एकड़ जमीन लेकर शुरू की थी आर्गेनिक खेती। अब 30 एकड़ जमीन पर आर्गेनिक फलों के अलावा सौ तरह की सब्जियों की करती हैं पैदावार 35 अन्य महिलाएं भी जुड़ीं उनके साथ।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 26 Mar 2023 08:03 PM (IST) Updated:Sun, 26 Mar 2023 08:03 PM (IST)
पटियाला: जेठानी-देवरानी के खेत में हो रही ऑर्गेनिक सब्जी और फलों की पैदावार, अपना मार्ट खोलकर कर रहीं कारोबार
पटियाला: जेठानी-देवरानी के खेत में हो रही ऑर्गेनिक सब्जी और फलों की पैदावार, अपना मार्ट खोलकर कर रहीं कारोबार

गौरव सूद, पटियाला। रिश्ते में देवरानी-जेठानी तीन महिलाओं ने केमिकल मिश्रित खाद्य पदार्थ खाने से बीमार होकर लोगों को मरते देख खुद आर्गेनिक खेती शुरू कर दी।

उन्होंने शुरू में इसके लिए ठेके पर एक एकड़ जमीन ली। इनका कारवां बढ़ता गया। वे अब 30 एकड़ जमीन पर फलों के अलावा सौ तरह की विभिन्न आर्गेनिक सब्जियों की खेती कर रही हैं।

इतना ही नहीं, इनकी बिक्री के लिए खेत में ही मार्ट बना लिया है। अब उनके साथ 35 और महिलाएं जुड़ गई हैं।

कुलविंदर कौर, बलविंदर कौर और मंदीप कौर ने बताया कि हमारा घर घग्गा में श्मशानघाट के पास है। जब भी किसी की मौत होती तो हमरा परिवार भी अंतिम संस्कार में शामिल होता।

संस्कार के बाद घर पर चर्चा होती तो पता चलता कि ज्यादातर मौतों का कारण बीमारियां हैं, जिनके लिए केमिकल मिश्रित और अशुद्ध खाद्य पदार्थ जिम्मेदार हैं।

इसके बाद हमने परिवार के लिए आर्गेनिक खेती करके फल व सब्जियां उगानी शुरू की। धीरे-धीरे आसपास के लोग भी हमसे आर्गेनिक फलों व सब्जियों की मांग करने लगे।

अच्छा रिस्पांस मिलता देख वर्ष 2014 में एक एकड़ जमीन ठेके पर ली। इसके बाद मुड़कर पीछे नहीं देखा और एक एकड़ से शुरू हुई खेती अब 30 एकड़ तक पहुंच चुकी है।

इसमें वह फलों के अलावा करीब सौ तरह की विभिन्न सब्जियों की खेती कर रही हैं। उन्होंने खुद को केवल खेती तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि खेत में मार्ट खोलकर उसकी मार्केटिंग भी खुद शुरू कर दी।

वहीं, करेला, घीआ (लौकी), मुरब्बा और एलोवेरा का जूस भी तैयार कर रही हैं। इन महिलाओं द्वारा स्थापित यह ग्रुप पंजाब आर्गेनिक वेज एंड फ्रूट प्रोड्यूसर लिमिटेड नाम से जाना जाता है।

उन्होंने बताया कि यह काम परिवार के सहयोग के बिना संभव नहीं था। काम बढ़ने पर गांव की अन्य महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ा। इस समय करीब 35 अन्य महिलाएं भी उनके इस कारोबार में उनका साथ दे रही हैं।

साल में 100 दिन देती हैं जमीन को आराम

कुलविंदर कौर, बलविंदर कौर व मंदीप कौर ने बताया कि वह जमीन को अपनी मां समझती हैं। जिस तरह मां को कुछ समय आराम देना जरूरी होता है, उसी तरह जमीन को भी आराम की जरूरत है।

इसके चलते उन्होंने निर्णय लिया कि वह साल में मौजूद 365 दिनों में से 100 दिन जमीन को खाली रखकर आराम देंगी। खेती सिर्फ 265 दिन ही करेंगी। इसका उन्हें फायदा भी मिला।

इससे जमीन में आर्गेनिक मैटर भी बढ़ा है। उनकी जमीन का आर्गेनिक मैटर एक के करीब है, जबकि आम तौर पर खेतों का आर्गेनिक मैटर करीब 0.30 होता है।

इससे आर्गेनिक खेती में सहायता मिलती है। इसके लिए आर्गेनिक खाद का इस्तेमाल भी काफी फायदेमंद साबित होता है।

खेत में मार्ट बनाकर आर्गेनिक सब्जियों व फलों की मार्केटिंग भी

उन्होंने बताया कि खेत में बने मार्ट में वह सब्जियों व फलों की मार्केटिंग भी करती हैं, जहां पटियाला के अलावा चंडीगढ़ व लुधियाना से विशिष्ट के साथ ही आम लोग भी आते हैं।

उनका कहना है कि वह आर्गेनिक सब्जियों को आम सब्जियों की कीमत पर ही बेचती हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि लोग इतना खर्च करके उनके पास आर्गेनिक चीजों के लिए आ रहे हैं।

ऐसे में अगर वह इन वस्तुओं की अधिक कीमत लेंगी तो यह उनके उसूलों के खिलाफ होगा। उनकी छवि पर भी इसका बुरा असर होगा।

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