ऐसे कम होगा Pollution, इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेल से बनेगा Biofuel

इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेल से बायोफ्यूल बनेगा। होटलों रेस्तरां व ढाबों से इस्तेमाल हो चुका खाद्य तेल 25 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से नॉर्दर्न बायोफ्यूल्स कंपनी खरीदेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 10 Mar 2020 08:15 AM (IST) Updated:Tue, 10 Mar 2020 08:53 AM (IST)
ऐसे कम होगा Pollution, इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेल से बनेगा Biofuel
ऐसे कम होगा Pollution, इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेल से बनेगा Biofuel

जेएनएन, पटियाला। होटलों, रेस्तरां व ढाबों में खाद्य तेल (कुकिंग ऑयल) कई बार इस्तेमाल किया जाता है। दो से तीन बार प्रयोग के बाद खाद्य तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। खाने योग्य नहीं रहे इस तेल के इस्तेमाल को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक निजी कंपनी 'नॉर्दर्न बायोफ्यूल्स' के साथ योजना तैयार की है। यह कंपनी होटलों, रेस्तरां और ढाबों से दो से तीन बार इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेल को 25 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खरीदेगी। इससे बायोफ्यूल तैयार किया जाएगा।

फिलहाल, पंजाब के सात जिलों में प्रतिदिन 70 से 80 टन इस्तेमाल हो चुका खाद्य तेल इकट्ठा किया जा रहा है। कंपनी का लक्ष्य प्रतिदिन 500 टन तेल इकट्ठा करने का है। पटियाला में सेहत विभाग ने कपंनी के प्रबंधकों और होटल व रेस्तरां मालिकों के बीच बैठक करवाई है, जिसमें इस्तेमाल हो चुका खाद्य तेल कंपनी को बेचने का भरोसा दिया है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर निर्मल सिंह संधू का कहना है कि इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेल को (डिसटिलेशन) साफ किया जाता है और फिर इसे फ्यूल कंपनियों को बेचा जाता है। इसे डीजल में मिलाकर कंपनियां फ्यूल के तौर पर इस्तेमाल करती हैं। उनकी कंपनी वही खाद्य तेल खरीदती है, जिसका तीन बार इस्तेमाल हुआ हो। इससे अधिक इस्तेमाल हो चुके तेल को उनकी कंपनी नहीं खरीदती है।

इस्तेमाल हो चुका खाद्य तेल मुंबई, दिल्ली और केरल में भी इकट्ठा किया जा रहा है। पंजाब में चंडीगढ़, मोहाली, जालंधर, लुधियाना, कपूरथला और होशियारपुर में इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। हालांकि शुरुआती दौर में जागरूकता कम होने के कारण कलेक्शन थोड़ी कम है।

स्ट्रीट फूड ऑपरेटर करते हैं कई बार इस्तेमाल

स्ट्रीट फूड ऑपरेटर बड़े होटलों से इस्तेमाल किया गया कुकिंग ऑयल खरीदकर इसे अपने पास बार-बार इस्तेमाल करते हैं। मुनाफे के चक्कर में ये दुकानदार लोगों की सेहत से खिलवाड़ करते हैं। अगर बड़े होटलों, रेस्तरां और कैटरिंग वालों को इसके निपटारे के लिए बेहतर विकल्प मिलता है, जो वह जरूर उसकी ओर ही जाएंगे। बार-बार खाद्य तेल का इस्तेमाल बंद हो सकता है।

इको फ्रेंडली है बायोफ्यूल

निर्मल सिंह संधू का कहना है कि उनके तैयार किए बायोफ्यूल को ऑयल कंपनियां 20 से 30 फीसद तक डीजल में मिलाती हैं। इस डीजल को जब गाड़ी में डाला जाता है, तो 70 से 80 फीस तक कम प्रदूषण निकलता है। बायोफ्यूल इको फ्रैंडली है।

लोगों के स्वास्थ्य के लिए उठाया कदम

जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) शैली जेतली का कहना है कि लोगों के स्वास्थ्य की दिशा में यह कदम उठाया गया है। फूड बिजनेस ऑपरेटरों के साथ बैठक में उन्हें इस्तेमाल किए जा चुके खाद्य तेल के निपटारे के बारे में बताया गया है।

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