धान की खरीदारी न होने से किसान परेशान

पंजाब के ज्यादातर परिवारों के लिए इस बार की दीवाली खुशियां कम ओर गम ज्यादा लेकर आई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Nov 2019 01:18 AM (IST) Updated:Fri, 01 Nov 2019 06:32 AM (IST)
धान की खरीदारी न होने से किसान परेशान
धान की खरीदारी न होने से किसान परेशान

संस, राजपुरा : पंजाब के ज्यादातर परिवारों के लिए इस बार की दीवाली खुशियां कम ओर गम ज्यादा लेकर आई है। कृषि प्रधान राज्य होने के चलते राज्य के सभी परिवार किसी न किसी तरह से खेती से ही जुड़े है। बड़े बड़े आढ़तियों से लेकर छोटे खेत मजदूर पूरा साल खेती के जरिए ही अपना गुजर बसर करते हैं और राज्य का किसान अपनी फसल को बच्चों की तरह पालता है। लेकिन इस बार धान की फसल ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी। पिछले एक महीने से कुछ किसान अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों में धक्के खा रहे हैं। जबकि कुछ किसान सरकारी एजेंसियों की बेरुखी को देखते हुए हरियाणा में जाकर अपनी फसल बेच रहे हैं। क्योंकि धान में नमी बढ़ने के कारण सरकारी एजेंसियों ने धान को खरीदने से मना कर दिया था जबकि किसानों का दावा है कि मौसम में नमी होने के चलते ही धान में नमी बढ़ रही है और उसका रंग बदल रहा है। इस बार किसानों पर तीहरी मार पड़ी है।

ज्यादा नमी होने का बहाना बना रहीं एजेंसियां

किसान बलविद्र सिंह ने बताया कि वह जब मंडी में अपनी फसल लेकर आया तो उसमें नमी 18 फीसदी थी, लेकिन मौसम की बेरुखी में खुली पड़ी रहने के कारण उसकी फसल में नमी बढ़ गई अगर उसकी फसल को सही समय पर उठा लिया जाता तो ऐसा नहीं होता। ऐसे में गलती किसान की नहीं बल्कि खरीद एजेंसियों की है। गुरनाम सिंह व किसान अमरीक सिंह ने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की सुध नहीं ली तो जल्द ही सरकार को इसका भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि किसान तो अपनी दीवाली सूखी मना चुका है, लेकिन इस प्रकार अगर किसानों के साथ अन्याय किया जाता रहा तो किसान भी चुप नहीं बैठेगा।

हो रही धान की खरीदारी : गुरमीत सिंह

मार्केट कमेटी के सुपरिंटेंडेंट गुरमीत सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि खरीद फरोख्त का काम तेजी से चल रहा है मंडियों में बुधवार तक 11 लाख 99 हजार 100 क्विंटल धान की फसल बिकने के लिए आई है जबकि इसमें से 99 हजार 300 क्विंटल धान सरकारी एजेंसियों ने खरीद ली है। लिफ्टिंग की रफ्तार में भी तेजी लाई जा रही है, लेकिन कुछ किसानों की फसल में नमी की मात्रा ज्यादा है। अगर फसल में ही नमी ज्यादा है तो वह कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि वह डीसी के आदेशों के मुताबिक ही नमी देखकर धान की फसल खरीद रहे हैं। जब किसानों को पहले से ही मालूम है कि नमी वाला धान नहीं खरीदा जाएगा तो वह मंडियों में धान को सुखा कर लाएं।

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