मिडिल स्कूलों के अध्यापकों को सेकेंडरी स्कूलों में भेजने का विरोध

शिक्षा सचिव के जारी पत्र अनुसार पहली बार शिक्षा विभाग ने माना कि स्कूलों में अध्यापकों की कमी महसूस हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 12:23 AM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 12:23 AM (IST)
मिडिल स्कूलों के अध्यापकों को सेकेंडरी स्कूलों में भेजने का विरोध
मिडिल स्कूलों के अध्यापकों को सेकेंडरी स्कूलों में भेजने का विरोध

जागरण संवाददाता, पटियाला : शिक्षा सचिव के जारी पत्र अनुसार पहली बार शिक्षा विभाग ने माना कि स्कूलों में अध्यापकों की कमी महसूस हो रही है। इस कमी को दूर करने के लिए अध्यापकों की भर्ती की जगह मिडिल स्कूलों के अध्यापकों को हाई और सेकेंडरी स्कूलों में भेजने के फैसले का डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने विरोध जताया है। फ्रंट के जिला प्रधान अतिदर पाल सिंह घग्गा, महासचिव अमनदीप सिंह देवीगढ़ और हरविदर सिंह रखड़ा ने बताया कि पिछले सालों और इस साल 31 मार्च और 30 सितंबर को बड़ी संख्या में विभाग में से अध्यापक सेवानिवृत्त हो गए हैं। इसके अलावा कोरोना संकट के कारण मध्य वर्ग की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ने के कारण सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में हुए वृद्धि कारण अध्यापकों की भारी कमी की समस्या बुरी तरह गहरा गई है। शिक्षा विभाग इस कमी को पूरा करने के लिए नई भर्ती न करके समय निकालने की नीति पर उतर आया है और मिडिल स्कूलों के विद्यार्थियों के होने वाले नुकसान को नजरअंदाज करने का शिक्षा विरोधी फैसला ले रहा है। डीटीएफ के भरत कुमार, भूपिदर सिंह, रजिदर सिंह समाना, हरिदर सिंह, जगपाल सिंह चहल, सतनाम सिंह घनौर, राम शरण, सुखदेव सिंह राजपुरा, विक्रम अलूना, दविदर सिंह, चमकौर सिंह, लेक्चरर जगतार राम, जसपाल चौधरी, सतपाल सिंह समाना और डेमोक्रेटिक मुलाजिम फेडरेशन के गुरजीत सिंह घग्गा शामिल थे। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब इसका सख्त विरोध करता है और बड़ी संख्या में खाली पोस्टों पर अध्यापकों की तुरंत भर्ती की मांग करता है। उन्होने सरकार को इस पर गौर करने के लिए कहा है।

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