125 गज के प्लाटों को पानी-सीवरेज बिलों में छूट के बदले सरकार से सब्सिडी लेने की तैयारी में निगम

पटियाला पानी व सीवरेज बिलों पर 125 गज तक के प्लाट मालिक को छूट देने या 50 गज तक के घरों को प्रापर्टी टैक्स से माफी देना निगम को अब भारी पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 12:06 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 12:06 AM (IST)
125 गज के प्लाटों को पानी-सीवरेज बिलों में छूट के बदले सरकार से सब्सिडी लेने की तैयारी में निगम
125 गज के प्लाटों को पानी-सीवरेज बिलों में छूट के बदले सरकार से सब्सिडी लेने की तैयारी में निगम

जागरण संवाददाता, पटियाला : पानी व सीवरेज बिलों पर 125 गज तक के प्लाट मालिक को छूट देने या 50 गज तक के घरों को प्रापर्टी टैक्स से माफी देना निगम को अब भारी पड़ रहा है। इस घाटे को पूरा करने के लिए नगर निगम अब सरकार के समक्ष मामला उठाने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार से बनती सब्सिडी का भुगतान निगम को किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

पावरकाम की तर्ज पर जिस किसी सब्सिडी या माफी का एलान पंजाब सरकार करती है, उसका भुगतान सरकार द्वारा संबंधित विभाग को किया जाता है। जब से पंजाब में किसानों को बिजली मुफ्त दी जा रही है, उस समय से सरकार उस सब्सिडी का बोझ झेल रही है। इसी तरह से राज्य के ग्रामीण इलाकों में चूल्हा टैक्स पर दी जा रही छूट का बोझ भी सरकार ने उठाया है, लेकिन लोकल बाडीज महकमे के अधीन आते विभागों को पंजाब सरकार छूट या सब्सिडी के बदले में कोई वित्तीय लाभ नहीं दे रही है। इसी लाभ को हासिल करने के लिए निगम अब सरकार से मुद्दा उठाने की तैयारी में है।

मेयर संजीव शर्मा बिट्टू ने कहा कि 14 साल पहले सरकार ने पानी और सीवरेज के बिलों के मामले में 125 गज तक के घरों में रहने वालों के लिए बिल माफ किए थे। यह बिल माफ करने के चलते निगम पर करीब पांच करोड़ का वित्तीय बोझ झेल रहा है।

50 गज के घरों में प्रापर्टी टैक्स पर छूट से बढ़ा घाटा

निगम को 14 सालों में सरकार के फैसले से 70 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ा है। इसी प्रकार 2013 से प्रापर्टी टैक्स को लागू करने के बाद 50 गज तक के घरों को प्रापर्टी टैक्स से माफी दे दी गई। इस माफी का नगर निगम पर हरेक साल करीब 2. 85 करोड़ वित्तीय भार प्रतिवर्ष बढ़ा है। मेयर ने ने कहा कि यदि पावरकाम की भांति सरकार निगमों को भी सब्सिडी या छूट का भुगतान करना शुरू करे दे, तो 14 सालों में पटियाला को 90 करोड़ रुपये अतिरिक्त आते हैं। यह रकम शहर के विकास में बड़ी भूमिका निभा सकती थी। निगमों पर कमर्शियल बिजली रेट लगाना गलत

सूत्रों मुताबिक निगम अपने अधिकार क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पीने के पानी से अतिरिक्त आय नहीं ले रहा है। बावजूद पावरकाम निगमों से कमर्शियल रेट वसूल रहा है। इसी प्रकार स्ट्रीट लाइट शहरवासियों की सुविधा के लिए दी जा रही है, लेकिन निगम इसके लिए भी पावरकाम को कमर्शियल रेट पर अदायगी करता आ रहा है। निगम ने यह मामला भी कुछ समय पहले सरकार के समक्ष उठाया था और मेयर मुताबिक जल्द ही इस पर निगम के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद है।

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