एससी अध्यापकों के लिए कालेज व यूनिवर्सिटियों ने दरवाजे किए बंद : मट्टू

पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी और इसके कांस्टीट्यूट कालेजों व मान्यता प्राप्त कालेजों में गेस्ट फैकल्टी अध्यापकों की भर्ती में अनुसूचित जातियों को आरक्षण नहीं करने का डा. आंबेडकर कर्मचारी महासंघ पंजाब के सूबा प्रधान डा. जतिदर सिंह मट्टू ने विरोध किया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2020 12:25 AM (IST) Updated:Fri, 16 Oct 2020 05:08 AM (IST)
एससी अध्यापकों के लिए कालेज व यूनिवर्सिटियों ने दरवाजे किए बंद : मट्टू
एससी अध्यापकों के लिए कालेज व यूनिवर्सिटियों ने दरवाजे किए बंद : मट्टू

जेएनएन, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी और इसके कांस्टीट्यूट कालेजों व मान्यता प्राप्त कालेजों में गेस्ट फैकल्टी अध्यापकों की भर्ती में अनुसूचित जातियों को आरक्षण नहीं करने का डा. आंबेडकर कर्मचारी महासंघ, पंजाब के सूबा प्रधान डा. जतिदर सिंह मट्टू ने विरोध किया है। उन्होंने गेस्ट फैकल्टी या कांट्रेक्ट आधार पर अध्यापकों भर्ती में आरक्षण पालिसी लागू करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जातियों और पिछड़ी श्रेणियों को नौकरियों में प्रतिनिधित्व दिलाने के उद्देश्य से पंजाब शेड्यूल कास्ट एंड बैकवर्ड, रिजर्वेशन इन सर्विस एक्ट, 2006 बनाया था, जिससे अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को भी नौकरी में आने का मौका मिल सके। पिछले कई सालों से पंजाबी यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट गेस्ट फैकल्टी अध्यापक भर्ती में इस एक्ट की धज्जियां उड़ा रही है और इस भर्ती में आरक्षण पालिसी को लागू न करके सीधा अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर रख कर एससी अध्यापकों के लिए यूनिवर्सिटी और कालेजों में नियुक्ति के दरवाजे बंद किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूजीसी की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण दिए जाने की बात की गई है, परंतु शैक्षिक संस्थाओं में इस भर्ती में आरक्षण पालिसी लागू नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि यदि गेस्ट फैकल्टी अध्यापक भर्ती, ठेका आधार भर्ती में आरक्षण पालिसी लागू न की गई, तो डा. अंबेडकर कर्मचारी महासंघ भेदभाव के खिलाफ संघर्ष शुरू करेगा।

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