पराली न जलाने से 80 हजार एकड़ भूमि बचाई

कंफरडेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआइआइ) फांउडेशन ने पराली ना जलाने के लिए गांव ढींगी समेत कई गांवों में किसानों को जागरूक किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 11:58 PM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 11:58 PM (IST)
पराली न जलाने से 80 हजार एकड़ भूमि बचाई
पराली न जलाने से 80 हजार एकड़ भूमि बचाई

जेएनएन, नाभा (पटियाला) : कंफरडेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआइआइ) फांउडेशन ने पराली ना जलाने के लिए गांव ढींगी समेत कई गांवों में किसानों को जागरूक किया। प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप सैंगर ने कहा की सीआइआइ ने किसानों की मदद कर पंजाब और हरियाणा के 102 गांवों में पराली न जलाने का एक अभियान चलाकर उन्हें इसके अन्य विकल्प देने के प्रति जागरूक किया है। इस अभियान में सीआइआइ अपने साथ बीस हजार किसानों को जोड़ चुका है और एक लाख एकड़ भूमि को पराली जलाने से मुक्त करने के प्रयास में जुटा हुआ है ।

सीआइआइ का लगातार यह दूसरा वर्ष तक चलाया जा रहा अभियान है और 80 फीसद किसानों ने खेतों को पराली न जलाने से मुक्त कर दिया है। फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप सैंगर ने बताया कि किसानों के समूहों से मिलकर काम किया है और उन्हें 350 मशीनें प्रदान की हैं, जिसमें 100 गांवों को हैप्पी सीडर, जीरो ट्रिल, मूलचर आदि दिए गए हैं। यह मशीनें छोटे किसानों को मामूली किराए पर प्रदान की गई हैं। किसानों को पराली की तकनीकी हैंड होल्डिग के गुर सिखाने के सत्र आयोजित किए गए। सीआइआइ ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार, कृषि और किसान कल्याण विभाग के जिला कृषि कार्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से इन फील्ड ट्रेनिग दी और मास्टर ट्रेनर्स का एक दस्ता तैयार किया। इन ट्रेनर्स, किसानों के समूहों और गांव स्तर पर वालंटियरों ने पराली न जलाने के अभियान को महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। विद्यार्थियों, युवाओं और कारपोरेट वालंटियरों ने गांवों में रैलियां, नुक्कड़ नाटक, डोर-टू-डोर वार्ता आयोजित कर इस अभियान को ओर अधिक मजबूत बनाया है । फील्ड समूह जैसे जीबीडीएनजीएनएस फाउंडेशन रायकोट और डाक्टर्स फॉर यू ने सीआइआइ के प्रयास को जमीनी स्तर पर लागू कर अहम भूमिका निभाई है। जिला पटियाला स्थित भैरवाल, खोख, जस्सोमाजरा, मूंगों और जिला लुधियाना स्थित बुर्ज हकीमा और हलवारा में 90 फीसद से अधिक खेतों को पराली जलाने से मुक्त रखा है। सीआइआइ ने 2018 में अपने पायलट प्रोजेक्ट के तहत पंजाब के 19 गांवों की 16 हजार एकड़ भूमि के लिए तीन हजार किसानों के लिए अपना यह अभियान शुरू किया था।

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