एनीमिया से प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की जान को खतरा

जासं, पटियाला गर्भ अवस्था के दौरान खून की कमी की वजह से गर्भवती को समय से पहले प्रसव दर्द होना आम

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Mar 2017 05:03 PM (IST) Updated:Sat, 25 Mar 2017 05:03 PM (IST)
एनीमिया से प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की जान को खतरा
एनीमिया से प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की जान को खतरा

जासं, पटियाला

गर्भ अवस्था के दौरान खून की कमी की वजह से गर्भवती को समय से पहले प्रसव दर्द होना आम बात है। खून की कमी की वजह से शिशु भी कम वजन वाला व कमजोर पैदा होता है। कई बार खून की कमी की वजह से प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत भी हो जाती है।

यह बात सिविल सर्जन डॉ. बल¨वद्र ¨सह ने आशा वर्करों के साथ बैठक में कही। उन्होंने कहा कि जच्चा-बच्चा स्वस्थ्य रहे इसके लिए गर्भावस्था में महिलाओं को आयरन, विटामिन, मिनरल की ज्यादा जरूरत होती है। भोजन में पोषक तत्वों की कमी महिलाओं को एनीमिक बना देती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में हीमोग्लोबिन 12 ग्राम होना चाहिए, महिलाओं को गर्भावस्था में सबसे बड़ा खतरा एनीमिया का होता है।

उन्होंने कहा कि अक्सर महिलाएं घर में कामकाज करने के चक्कर में अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह हो जाती हैं। यही कारण हैं कि ज्यादातर महिलाएं खून की कमी या एनीमिक जैसी बीमारी की चपेट में आ जाती है। महिलाओं को खानपान में पोषक तत्वों का अभाव रहने की वजह से मातृ मृत्यु दर के अधिकतर मामलों में खून की कमी प्रमुख कारण बनती है। गर्भावस्था के दौरान व इससे पहले खून की कमी होने के बावजूद महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। खून की कमी की वजह से प्रसव के दौरान महिलाओं की हालत बिगड़ जाती है।

डॉ. बलविंद्र ¨सह का कहना है कि मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग आशा वर्करों को ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य कार्ड बनाने के साथ ही उनका नियमित चेकअप करें। साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोलियां भी खाने के लिए दें।

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