इंतजार खत्म- पठानकोट से जम्मूतवी तक डबल ट्रैक पर दौड़ेंगी ट्रेनें

जम्मूतवी रेल सेक्शन पर ट्रेन को अब माधोपुर-कठुआ रेलवे स्टेशन पर बिना वजह रुकना नहीं पड़ेगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Mar 2022 07:02 PM (IST) Updated:Tue, 15 Mar 2022 07:02 PM (IST)
इंतजार खत्म- पठानकोट से जम्मूतवी तक डबल ट्रैक पर दौड़ेंगी ट्रेनें
इंतजार खत्म- पठानकोट से जम्मूतवी तक डबल ट्रैक पर दौड़ेंगी ट्रेनें

विनोद कुमार/रणधीर बिट्टा पठानकोट : पठानकोट-जम्मूतवी रेल सेक्शन पर ट्रेन को अब माधोपुर-कठुआ रेलवे स्टेशन पर बिना वजह रुकना नहीं पड़ेगा। रावी दरिया पर बनाए गए पुल की मंगलवार को दिल्ली से आए चीफ रेलवे सेफ्टी एसके पाठक ने इंस्पेक्शन की। ट्रायल सफल रहा। इसके बाद अब सेक्शन पर चलने वाली ट्रेनें डबल ट्रैक पर दौड़ेंगी। इस दौरान डिवीजनल रेल मैनेजर सीमा शर्मा सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी भी मौजूद रहे।

इससे पहले चीफ रेलवे सेफ्टी सुबह साढ़े नौ बजे विशेष सैलून से पठानकोट कैंट पहुंचे। कैंट स्टेशन पर बिना रुके वह सीधे कठुआ रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। कठुआ रेलवे स्टेशन से सुबह करीब 11 बजे वह विडो ट्राली के जरिए माधोपुर स्थित रावी दरिया पर बनाए गए पुल का इंस्पेक्शन करने के लिए आए। इस दौरान उन्होंने पुल का जायजा लिया। इसके बाद पुल के पिलरों को विशेष तौर पर चेक किया। चीफ रेलवे सेफ्टी ने पुल को फिट दिया। पुल शुरू होने के बाद नई ट्रेनों को शुरू करने की संभावनाएं बढ़ गईं हैं।

दो साल लेट हो गया पुल का काम

270 किलोमीटर जालंधर-जम्मूतवी रेल सेक्शन के दोहरीकरण के बीच केवल रावी पुल मेन वजह बन रही थी। पुल न होने के कारण माधोपुर और कठुआ रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को रोक कर चलाना पड़ता है। 2017 में काम शुरू किया गया था। इसे 2019 में पूरा किया जाना था। शुरुआत में ही काम छह महीने पीछे हो गया था। इसके बाद कोरोना के चलते लेबर वापस चली गई। फिर इसकी अवधि सितंबर 2020 कर दी गई। डेडलाइन आगे बढ़ने से इस 900 मीटर लंबे पुल की लागत भी 90 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च आई है। पुल पर 20 पीलर बनाए गए हैं। रेलवे ने पुल बनने से पहले ही इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा कर लिया था। डबल ट्रैक होने से समय की होगी बचत

वैसे तो जालंधर-जम्मूतवी तक ट्रैक डबल है परंतु रावी पर पुल न होने की वजह से इसका काम अधूरा था। पुल बनने के बाद अप-डाउन की गाड़ियां बिना किसी देरी के गंतव्य को रवाना होगी। इससे यात्रियों के समय की भी बचत होगी ओर रेलवे को भी आर्थिक तौर पर लाभ मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि पुल बनने के बाद करीब 30 मिनट की बचत होगी और नई ट्रेनें चलने की भी पूरी संभावना रहेगी। विभागीय अधिकारियों की मानें तो पुल शुरू होने के बाद लोकल ट्रेनों के अलावा लंबी दूरी की भी तीन से चार ट्रेनें शुरू करने का मार्जन मिल जाएगा।

इंस्पेक्शन के चलते यह ट्रेनें चली देरी से

पठानकोट-उधमपुर डीएमयू कैंसिल ।

उधमपुर-प्रयाग राज कैंसिल।

वेरावाल-जम्मूतवी पठानकोट सिटी तक ही चली।

वाराणसी से जम्मूतवी-बेगमपुरा एक्सप्रेस पठानकोट कैंट तक चली। यहीं से वापस वाराणसी रवाना।

जम्मूतवी-संभलपुर एक्सप्रेस पठानकोट से ही रवाना हुई।

डाउन में यह ट्रेनें चलेंगी देरी से

इंदौर-उधमपुर -सौ मिनट रात को पुल पर चलाई जाएगी हाई स्पीड ट्रेन

बड़ौदा हाउस नई दिल्ली से आए चीफ रेलवे सेफ्टी एसके पाठक ने कहा कि रावी पर नए पुल का काम काफी मुश्किल था। लेकिन, हमारे इंजीनियरों ने इसे बखूबी पूरा किया। कहा कि इंस्पेक्शन के दौरान कठुआ से माधोपुर रेलवे स्टेशन तक ट्राली पर बैठ पुल की बारीकी से जांच की गई। इसके बाद पुल के काम का जायजा भी लिया। चीफ रेलवे सेफ्टी ने बताया कि रात को हाई स्पीड से नए बने पुल पर ट्रेन चलाकर देखा जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे पठानकोट से जम्मूतवी को जाने वाली सभी ट्रेनों को नए पुल से चलाया जाएगा।

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