बंद सेवा केंद्र खोलने की मांग

अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने गांवों के क्लस्टर बनाकर सेवा केंद्र खोले थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 05:24 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 05:24 PM (IST)
बंद सेवा केंद्र खोलने की मांग
बंद सेवा केंद्र खोलने की मांग

संवाद सहयोगी दुनेरा : अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने गांवों के क्लस्टर बनाकर सेवा केंद्र खोले थे। इस पर लाखों रुपये खर्च हुआ था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही सेवा केंद्रों को ताला लगा दिया। इससे लोग अपने कार्य के लिए परेशान हो रहे हैं। उन्होंने सेवा केंद्र खोलने की मांग की। कवि सुदन ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए बने सेवा केंद्र तुरंत शुरू होने चाहिए। ताकि लोगों को राहत मिल सके व सरकार की लोगों की सुविधा के लिए सरकारी खजाने के फंड से बनी इमारतों का भी बचाव हो। जीओजी सदस्य प्रह्लाद पठानिया ने कहा कि इन सेवा केंद्रों को लोगों की मांग के अनुसार तुरंत खोलना चाहिए। जिससे इन इमारतों का भी रखरखाव बढि़या से होगा। जीओजी सदस्य मनोहर लाल ने कहा कि सेवा केंद्रों के खुलने से लोगों को अपने विभिन्न सरकारी कार्यों के लिए सरकारी दफ्तरों में धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। लोगों का काम जल्दी ही हो जाया करेगा। श्याम सिंह ने कहा कि सेवा केंद्र लोगों की सुविधा के लिए बने थे। प्रदेश सरकार लोगों की सुविधा को देखते हुए इन्हें तुरंत खोलें। सरपंच पूरन धीमान ने कहा कि सेवा केंद्रों पर जाकर लोगों को अपने कार्य करवाने में कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। लोगों के कार्य जल्दी हो जाते हैं। इसलिए बंद पड़े सेवा केंद्रों को तुरंत खोला जाए। जिसके कारण लोगों का काम भी हो जाएगा और सरकारी इमारते भी खराब होने से बच जाएगी।

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लोगों को एक छत के नीचे नागरिक सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य से अगस्त 2016 में अकाली-बीजेपी गठबंधन सरकार ने सेवा केंद्र की शुरुआत की थी। सरकारी रिकार्ड के अनुसार प्रदेश में 2147 सेवा केंद्र का निर्माण करवाया गया था, जिसमें 389 केंद्र शहरी इलाके में और 1758 केंद्र ग्रामीण इलाके में बनाए गए थे। इसपर कुल 500 करोड़ रुपये का खर्चा आया था। डेढ़ से ढाई किलोमीटर के क्षेत्र में जनसंख्या को देखते हुए एक सेवा केंद्र का निर्माण किया गया था। ग्रामीण इलाकों में चार पाच गावों पर एक सेवा केंद्र बनाया गया है। इन केंद्रों में 243 से अधिक नागरिक सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलने लगी थी, लेकिन काग्रेस सरकार की अनदेखी के कारण करीब 75 फीसद सेवा केंद्र बंद हो चुके हैं या होने के कगार पर हैं। मई 2020 में मुख्य सचिव के एक आदेश के अनुसार प्रदेश भर में 516 सुविधा केंद्र चल रहे हैं। इसके मद्देनजर हम आरटीआइ के माध्यम से जानकारी हासिल कर सकते हैं।

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