पालतु कुत्तों की रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे लोग, निगम मांग रहा कार्रवाई का अधिकार

निगम की हेल्थ ब्रांच के पास अभी तक शहर के केवल 13 लोगों ने ही अपने पालतु कुत्तों की रजिस्ट्रेशन करवाई है। विभागीय अधिकारियों की माने तो निगम की हदबंदी में एक हजार से अधिक लोगों ने अपने घरों में पालतु कुत्ते रखें हैं लेकिनरजिस्ट्रेशन करवाने में केवल 13 लोगों ने ही उत्साह दिखाया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 05:19 AM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 05:19 AM (IST)
पालतु कुत्तों की रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे लोग, निगम मांग रहा कार्रवाई का अधिकार
पालतु कुत्तों की रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे लोग, निगम मांग रहा कार्रवाई का अधिकार

विनोद कुमार, पठानकोट: शहर में आवारा कुत्तों की भांति पालतु कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निगम की हेल्थ ब्रांच ने दो साल पहले पालतु कुत्तों की रजिस्ट्रेशन को करवाने अनिवार्य किए जाने को लेकर अभियान चलाया था। वहीं पार्षदों के जरिए भी अपील की थी लेकिन, लोगों ने इस संबंध में उत्साह नहीं दिखाया। हालात यह हैं कि शहर में पालतु कुत्तों की संख्या संबंधी निगम की हेल्थ ब्रांच के पास कोई डाटा या आंकड़ा नहीं है। ब्रांच का कहना है कि जब तक लोग अपने कुत्तों की रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते तब तक असल आंकड़ा मिल पाना मुश्किल है। निगम अधिकारियों की अन्य कार्यों में ड्यूटियां लगने के कारण रजिस्ट्रेशन करवाने की मुहिम कागजों तक ही सीमित होकर रह गई। रजिस्ट्रेशन न करवाने पर कोई कड़ी कार्रवाई न किए जाने की बात को लेकर निगम प्रशासन चाहते हुए भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। ऐसे में हेल्थ ब्रांच हाउस की मीटिग में रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है ताकि लोग उत्साह दिखाएं।

अभी तक 13 लोगों ने ही करवाई है रजिस्ट्रेशन

निगम की हेल्थ ब्रांच के पास अभी तक शहर के केवल 13 लोगों ने ही अपने पालतु कुत्तों की रजिस्ट्रेशन करवाई है। विभागीय अधिकारियों की माने तो निगम की हदबंदी में एक हजार से अधिक लोगों ने अपने घरों में पालतु कुत्ते रखें हैं, लेकिनरजिस्ट्रेशन करवाने में केवल 13 लोगों ने ही उत्साह दिखाया है। रजिस्ट्रेशन की वार्षिक फीस पांच सौ रुपए

निगम की हेल्थ ब्रांच का कहना है कि पालतु कुत्ते की रजिस्ट्रेशन करवाने पर 500 रुपये वार्षिक फीस निर्धारित की गई है। प्रत्येक वर्ष एक अप्रैल से आगामी 31 मार्च तक यह अवधि रहेगी। इसके बाद धारक को अगले साल के लिए अपनी फीस दोबारा भरनी होगी। इधर, बेसहारा कुत्तों की नसबंदी का काम भी ठंडा

पशु पालन विभाग की ओर से पिछले वर्ष अगस्त महीने में करवाई गए सर्वे के अनुसार जिला पठानकोट में 7200 से ज्यादा बेसहारा कुत्ते हैं। सिटी पठानकोट में ही 4500 से अधिक कुत्तों के बारे में बताया गया था। निगम द्वारा एक वर्ष अभी तक केवल 3150 कुत्तों की ही नसबंदी करवाई गई है। लिहाजा पूरे कुत्तों की नसबंदी करने में अभी कम से कम एक साल का और समय लगेगा, जबकि सिटी व ग्रामीण एरिया में आए दिन बेसहारा कुत्तों के काटे जाने के समाचार आ रहे हैं। वहीं निगम दावा कर रहा है कि नसबंदी का काम पूरा होने के बाद बेसहारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि पर आगामी कई वर्षों तक रोक लग जाएगी। बता दें कि पिछले वर्ष नगर निगम ने शहर में बेसहारा पशुओं की बढ़ती तादाद को देखते हुए उन्हें पकड़कर कैटल पाउंड पहुंचाने का काम शुरू किया था, लेकिन कोविड-19 के चलते यह अभियान पिछले कई महीनों से बंद है। इस कारण आस-पास के कस्बों से बेसहारा पशु शहर में प्रवेश कर रहे हैं। शहर प्रत्येक चौक में सांड, गाय के अलावा भारी संख्या में घोड़े भी देखे जा रहे हैं जो अचानक से सड़क के बीच आकर खड़े हो जाते हैं और हादसे का कारण बनते हैं।

रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर कार्रवाई के लिए मांगेंगे अधिकार : डा. एनके सिंह

नगर निगम के मेडिकल आफिसर डा. एनके सिंह ने बताया कि रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए हाउस में प्रस्ताव डलवाएंगे ताकि घरेलु कुत्ते पालकों पर सख्ती की जा सके। उन्होंने कहा कि करीब दो साल पहले ब्रांच द्वारा समूह पार्षदों को भी पत्र लिखकर लोगों को अपने कुत्तों की रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए लिखा गया था, लेकिन न तो लोगों ने कोई रिस्पांस दिया और न ही पार्षदों ने कोई सहायता की।

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