650 पशुओं को पहुंचाना था कैटल पाउंड, शिफ्ट किए सिर्फ 192

नगर निगम प्रशासन द्वारा दो माह पहले बेसहारा पशुओं को कैटल पाउंड में शिफ्ट करने के लिए शुरू किया अभियान अधर में लटका हुआ है। गलियों-मोहल्लों व सड़कों में घूम रहे 650 बेसहारा पशुओं को कैटल पाउंड में शिफ्ट करने के लिए नगर निगम प्रशासन ने 4.90 लाख रुपये का टेंडर लगाया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Jun 2019 10:28 PM (IST) Updated:Tue, 11 Jun 2019 10:28 PM (IST)
650 पशुओं को पहुंचाना था कैटल पाउंड, शिफ्ट किए सिर्फ 192
650 पशुओं को पहुंचाना था कैटल पाउंड, शिफ्ट किए सिर्फ 192

संवाद सहयोगी, पठानकोट : नगर निगम प्रशासन द्वारा दो माह पहले बेसहारा पशुओं को कैटल पाउंड में शिफ्ट करने के लिए शुरू किया अभियान अधर में लटका हुआ है। गलियों-मोहल्लों व सड़कों में घूम रहे 650 बेसहारा पशुओं को कैटल पाउंड में शिफ्ट करने के लिए नगर निगम प्रशासन ने 4.90 लाख रुपये का टेंडर लगाया था। ठेकेदार ने 2 माह पूर्व बेसहारा पशुओं को कैटल पाउंड में शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया गया था, लेकिन 192 पशुओं को कैटल पाउंड पहुंचाने के बाद यह अभियान अधर में लटक गया है। इसके चलते गली-मोहल्लों व सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु आम जनता को अपना शिकार बना रहे हैं और खुद भी वाहनों की चपेट में आकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। हालांकि, कैटल पाउंड के पूर्ण दायित्व को लेकर नगर निगम और प्रशासन अपने हाथ खींचते रहते हैं।

हैरानी की बात तो यह है कि भले ही नगर निगम प्रशासन ने लोगों को बेसहारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए कुछ पशुओं को डेयरीवाल स्थित कैटल पाउंड में शिफ्ट कर दिया है। खुलेआम घूम रहे बेसहारा पशुओं की संख्या कितनी है इसके बारे में नगर निगम अधिकारियों के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। मौजूदा समय में कैटल पाउंड में बेसहारा पशुओं का रखरखाव किया जा रहा है पर रेन शेड की उचित व्यवस्था ना होने के चलते बेसहारा पशुओं को खुले आसमान के नीचे धूप में रहना पड़ रहा है। वहीं, कैटल पाउंड की चाहरदीवारी के लिए लगाई गई क्रेट वायर की फेंसिग मजबूत न होने के चलते कई बार सांड आपस में लड़ते हुए क्रेट वायर को तोड़कर भाग जाते हैं। कैटल पाउंड की फेंसिग को बेसहारा पशु भागने के लिए कई बार तोड़ चुके हैं।

कैटल पाउंड में बिखरा रहता है पशुओं का गोबर

कैटल पाउंड में पशुओं के चारे व पानी की व्यवस्था की गई है, लेकिन साफ सफाई का उचित प्रबंध न होने के चलते कैटल पाउंड के भीतर पशुओं का गोबर बिखरा रहता है। इसके चलते कई पशु स्लिप होकर गिर जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। 625 पशुओं के लिए महज 3 रेन शेड

कैटल पाउंड में रखे गए 625 बेसहारा पशुओं के रहने के लिए महज 6 हजार स्क्वेयर फीट के तीन रेन शेड हैं। इसके चलते अधिकतर पशुओं को खुले आसमान के नीचे गुजारा करना पड़ रहा है।

गाय-सांड व बछड़ों के लिए अलग अलग बनाए गए बाड़े

बेसहारा पशुओं के लिए बनाए गए कैटल पाउंड में शुरू में तो सभी बेसहारा पशुओं को एक साथ रखा जाता था। लेकिन कई बार यह पशु आपस में लड़ते हैं और छोटे बछड़े घायल हो जाते हैं। जिसके चलते कैटल पाउंड में गाय, सांड व बछड़ों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं, ताकि यह आपस में लड़कर एक दूसरे को घायल न करें। पालतू पशुओं को भी कैटल पाउंड में किया शिफ्ट

नगर निगम की तरफ से कई बार चेतावनी देने के बाद भी लोग अपने पालतू पशुओं को चरने के लिए छोड़ देते हैं। जब वह चारा खाकर वापस लौट आते हैं तो उनका दूध निकाल कर फिर से उन्हें छोड़ दिया जाता है। इसके चलते नगर निगम प्रशासन ने बेसहारा पशुओं को कैटल पाउंड पहुंचाने के साथ-साथ कई पालतू पशुओं को भी कैटल पाउंड में शिफ्ट कर दिया है।

इन गोशाला में भी किया जा रहा गायों का रखरखाव

नगर निगम के अधीन आते एरिया में कैटल पाउंड के अलावा दो गोशाला संचालित हैं, जिन्हें शहरवासियों के सहयोग से चलाया जा रहा है। मौजूदा समय में रिग रोड पर पड़ती गोपाल धाम गोशाला में 300 से भी अधिक गायों व गोवंश का रखरखाव किया जा रहा है। इस गोशाला को नगर निगम की तरफ से शुरू किया गया था जिसके बाद अब गोसेवा समिति की तरफ से शहर वासियों के सहयोग से इसे चलाया जा रहा है। इसके अलावा डलहौजी-जालंधर बाईपास पर स्थित कामधेनु गोशाला में भी एक सौ के लगभग गायों का रखरखाव किया जा रहा है। कैटल पाउंड की फेंसिग टूटने के चलते पेश आ रही समस्या

नगर निगम के हेल्थ ब्रांच इंचार्ज डॉ. एनके सिंह ने बताया कि लगभग शहर में घूम रहे बेसहारा पशुओं को कैटल पाउंड में शिफ्ट किया जा चुका है, इसके साथ ही कई पालतू पशुओं को भी कैटल पाउंड में शिफ्ट किया गया है। कैटल पाउंड में कई जगह से फेंसिग टूटने के चलते समस्या पेश आ रही है। जल्द शहर में घूम रहे बेसहारा पशुओं से लोगों को निजात दिलाई जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि शहर में घूम रहे पशुओं की संख्या कितनी है तो वह इसका स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाए।

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